MP: रीवा कलेक्टर को फिर पड़ी कोर्ट से डांट

रीवा। आईएएस अफसर प्रतिभा पाल सिंह एक बार फिर से चर्चा में हैं। तेजतर्रार अफसरों में शुमार रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल सिंह को कोर्ट से डांट पड़ी है। इसके बाद वह सुर्खियों में हैं। किसान से जुड़े एक मामले में एमपी हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने कलेक्टर को जवाब देने के लिए उपस्थित होने को कहा था। कलेक्टर प्रतिभा पाल सिंह ने अपनी जगह जूनियर को भेज दिया तो जज साहब गुस्से में आ गए और चार घंटे के अंदर कलेक्टर प्रतिभा पाल सिंह को कोर्ट में हाजिर होने को कहा।

यह पहली बार नहीं है, जब कलेक्टर प्रतिभा पाल सिंह सुर्खियों में रही हैं। इससे पहले वह अच्छे कामों की वजह से भी चर्चा में रही हैं।

दरअसल, राजेश कुमार तिवारी एक किसान हैं। उन्होंने 2015 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में उन्होंने रीवा प्रशासन के खिलाफ शिकायत की थी। दस साल से इस मामले में कोई फैसला नहीं आया। रीवा कलेक्टर द्वारा कोर्ट को संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा था। इसलिए जस्टिस विवेक अग्रवाल ने 6 जनवरी 2025 को रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल को हाईकोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। ताकि मामले का जल्द निपटारा हो सके।

कलेक्टर खुद नहीं आईं कोर्ट
वहीं, कोर्ट के आदेश के बावजूद कलेक्टर प्रतिभा पाल खुद हाईकोर्ट नहीं आईं। उन्होंने एक जूनियर IAS अधिकारी को अपनी जगह भेजा। जज ने कलेक्टर के न आने पर नाराजगी जताई।

चार बजे तक कलेक्टर को हाजिर होने को कहा

जूनियर अधिकारी को देखकर कोर्ट ने केस की सुनवाई नहीं की। साथ ही आदेश दिया कि चार बजे तक कलेक्टर कोर्ट में उपस्थित हो। कोर्ट के सख्त तेवर के बाद रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल वहां पहुंची। इसके बाद जस्टिस विवेक अग्रवाल ने उन्हें डांट पिलाई है। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने कहा कि आपको कलेक्टर इसलिए नहीं बनाया गया है कि आपलोगों को प्रताड़ित करें। आपको कलेक्टर इसलिए बनाया गया है कि आप उनका अधिकार प्रदान करें।
हालांकि रीवा कलेक्टर ने कोर्ट में उपस्थित न होने के पीछे पति के स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। हालांकि इस जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई थी।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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