MP: क्या मध्य प्रदेश में एक ही अधिकृत राष्ट्रीय उद्यान है..? केवल पेंच का विधिवत नोटिफिकेशन जारी हुआ है…

भोपाल। प्रदेश का वन विभाग कहता है कि केवल पेंच राष्ट्रीय उद्यान की ही अंतिम  अधिसूचना जारी हुई है, जबकि सरकार का दावा है कि राज्य में ग्यारह राष्ट्रीय उद्यान हैं।

वन्यप्राणी क्षेत्र में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अजय दुबे के द्वारा केन्द्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मत्री भारत सरकार को पत्र लिख कर सभी नेशनल पार्कों की विधिवत् नोटिफिकेशन करने का आग्रह किया गया है।

उपरोक्त संबंध में लेख है कि मध्यप्रदेश में स्थित 11 राष्ट्रीय उद्यानों में से कान्हा पेंच, चन विहार राष्ट्रीय उद्यान, फॉसिल राष्ट्रीय उद्यान घुधवा, जिला डिण्डौरी एवं डायनासौर राष्ट्रीय उद्यान, जिला धार इस प्रकार कुल 05 राष्ट्रीय उद्यानों की अंतिम अधिसूचनायें जारी हो चुकी है। तथा बांधवगढ़ एवं माधव राष्ट्रीय उद्यान के आंशिक क्षेत्र की अंतिम अधिसूचना क्रमशः वर्ष 1968 एवं 1958 में जारी की जा चुकी है। संजय, सतपुड़ा एवं कूनो राष्ट्रीय उद्यानों की प्रारंभिक अधिसूचनायें जारी की जा चुकी है, अतिम अधिसूचनायें जारी नहीं हुई है।

राष्ट्रीय उद्यानों की प्रारंभिक अधिसूचनायें वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 35(1) में जारी की जाती है। राष्ट्रीय उद्यानों के अधिसूचित क्षेत्र के संबंध में संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 19 से 25 तक (अधिकारों के अर्जन) की कार्यवाही किये जाने के उपरांत ही अंतिम अधिसूचना जारी की जाती है। जिन राष्ट्रीय उद्यानों की अंतिम अधिसूबनाये जारी नहीं हुई है. संबंधित जिला कलेक्टर के द्वारा कार्यवाही प्रचलित है। अतः यह कहना उचित नहीं है कि केवल पेंच टाइगर रिजर्व को छोड़कर अन्य राष्ट्रीय उद्यानों की की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है।

एक ओर, मप्र वन विभाग एक आरटीआई के जवाब में कहता है कि केवल पेंच को वन्यजीव अधिनियम के तहत अंतिम अधिसूचना प्राप्त हुई है, जबकि दूसरी ओर, उसका दावा है कि पांच राष्ट्रीय उद्यानों को अंतिम अधिसूचना प्राप्त हुई है। यह विरोधाभास एमपी वन सीएम मध्य प्रदेश पीएमओ इंडिया की लापरवाही और अक्षमता को उजागर करता है – अजय दुबे

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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