भोपाल। वन विभाग में किये जा रहे निजीकरण (ठेका प्रथा) के विरोध में आज वन मजदूरों ने प्रदेश की छह लोकसभा सीटों में मतदान का बहिष्कार किया तथा कलेक्टरों को सौपे पत्र में शासन से मांग करी थी वन विभाग में निजीकरण लागू करने के लिए शासन द्वारा जारी किए गए आदेश को तत्काल वापस लिया जाए।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि वन विभाग में पहली बार निजीकरण (ठेका प्रथा) लागू किया जा रहा है है वन विभाग में निजीकरण लागू करने के आदेश जारी होने के बाद प्रदेश भर में वन मजदूरों वन समिति के श्रमिकों चौकीदारों में भयंकर आक्रोश व्याप्त है निजीकरण लागू होने के बाद वन मजदूरों का रोजगार छिन
जाएगा वन मजदूर एवं वन समिति के श्रमिकों चौकीदारों को पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा इसलिए वन मजदूर वन समिति के श्रमिक निरंतर प्रदेश भर में चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं आज लोकसभा की 6 सीटों मंडला बालाघाट शहडोल छिंदवाड़ा जबलपुर सीधी में वन मजदूरों वन समिति के श्रमिकों चौकीदारों ने निजीकरण के विरोध में मतदान का बहिष्कार किया लोकसभा 6 सीटों में किसी भी बूथ
पर एक भी वन मजदूर वन समिति के श्रमिकों चौकीदारों ने मतदान नहीं किया है वन समिति के श्रमिकों ने निर्णय लिया है कि यदि शीघ्र ही शासन ने वन विभाग में लागू किए जाने वाले निजीकरण के आदेश को वापस नहीं लिया तो प्रदेश की अन्य 23 लोकसभा सीटों में भी वन मजदूर एवं वन समिति के श्रमिक चौकीदार परिवार सहित मतदान का बहिष्कार करेंगे।