भोपाल। भोपाल में स्थित स्पेशल कोर्ट ने भोपाल जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के जनरल मैनेजर, ब्रांच मैनेजर, सेल्स ऑफिसर और सहकारिता इंस्पेक्टर सहित टोटल पांच लोगों को 3-3 साल जेल की सजा सुनाई है। मामला ढाई एकड़ जमीन को सिर्फ ₹50000 में नीलाम कर देने का है।
विशेष न्यायालय मनोज कुमार सिंह ने जिला सहकारी एवं ग्रामीण विकास बैंक के अधिकारियों को सजा सुनाई है। इनमें तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक मुखरैया, प्रबंधक विनोद देवल, विक्रय अधिकारी विजेंद्र कौशल, सहकारिता निरीक्षक एपीएस कुशवाहा एवं फर्जी क्रेता परमजीत बैदी शामिल हैं। सभी पर धारा 420, 120-बी भादवि 13-1(डी) सहपठित 13(2) पीसी एक्ट के तहत केस ट्रायल में था। कोर्ट ने दोष सिद्ध पाते हुए सभी आरोपियों को 10 हजार का जुर्माना और 3 साल की सजा सुनाई है।
ग्राम बगौनिया, कल्याणपुर के गांव के लोगों ने भारतीय गैर न्यायिक स्टाम्प पर हस्ताक्षरित लिखित शिकायत लोकायुक्त कार्यालय में की थी। इस शिकायत में जिला सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक भोपाल अधिकारियों ने ग्राम बरखेड़ा नाथू रातीबड़ में बैंक अधिनियम 1999 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए लोन वसूली नहीं की थी। इसके बाद चल-अचल संपत्ति से ऋण वसूली के लिए बैंक अधिकारियों द्वारा नियम एवं शर्तों को अपनाए बिना कम दाम में ग्राम बरखेड़ा नाथू रातीबड़ की करीब 2.61 एकड़ भूमि मात्र 50 हजार रुपए में परमजीत बैदी को नीलाम कर दिया था।