MP कैडर के दो युवा आइपीएस अधिकारियों की प्रेम कहानी

भोपाल। दोनों मप्र कैडर के युवा आइपीएस हैं, डा. आयुष अभी हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग कर रहे हैं। उनकी पत्नी आइपीएस अनु बेनीवाल भी प्रशिक्षु अवधि में हैं और अभी ग्वालियर में पदस्थ रहते हुए बिजौली थाने की कमान संभाल रही हैं।

कोचिंग में पहली मुलाकात। आपस में बातचीत शुरू हुई, फिर हुई दोस्ती… दोस्ती के समय ही साथ सपना देखा- आइपीएस अधिकारी बनकर वर्दी पहनना है। हर रोज घंटों साथ बिताते, मुझे डा. आयुष हमेशा से मोटीवेट करते थे, सपोर्ट करते थे, बोलते थे- मैं पुलिसिंग के लिए ही बनी हूं और इस सपने को साकार जरूर करना है। आखिर दोनों का चयन साथ में हुआ। पढ़ाई के समय ही एक-दूसरे के घर आना-जाना होता था, मेरी मां ने पढ़ाई के समय हमारी केमिस्ट्री समझी… फिर क्या था- मानो मां ने ही जोड़ी बना दी। यह कहानी है- 2022 बैच की महिला आइपीएस अनु बेनीवाल और उनके पति आइपीएस डा. आयुष जाखड़ की।

आइपीएस अनु बेनीवाल बताती हैं- वह मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं। यहीं पढ़ाई और यहीं उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। उनके ताऊ सीनियर आइपीएस संजय बेनीवाल दिल्ली में डीजी जेल हैं। अनु बताती हैं- ताऊजी को देखकर बचपन में ही ठान लिया था, आइपीएस बनकर वर्दी पहननी है। वहीं आइपीएस आयुष जाखड़ ने राजस्थान के जोधपुर से एमबीबीएस की। वह राजस्थान के ही रहने वाले हैं, डा. आयुष जाखड़ के पिता राजस्थान कैडर के रिटायर्ड आइपीएस हैं। 2018 में एमबीबीएस करने के बाद डा. आयुष दिल्ली आए, उनका सपना था- आइपीएस बनने का। अनु और डा. आयुष की मुलाकात दिल्ली में ही हुई। कोचिंग में पढ़ाई के दौरान पहली मुलाकात हुई। दोनों में बातचीत होने लगी। डा. आयुष अपनी मां के साथ दिल्ली में रहते थे।

पढ़ाई के सिलसिले में एक-दूसरे के घर आना-जाना रहता था। अनु बताती हैं- जब वह आइपीएस बनने के लिए तैयारी कर रही थीं तो असहज थीं, वह सोचती थीं- महिला होने के बाद वर्दी पहनना, इसमें डा. आयुष ही थे जिन्होंने उन्हें मोटीवेट किया। उन्होंने कहा कि वह पुलिसिंग के लिए ही बनी हैं। दोनों ने साथ में आइपीएस बनने का सपना देखा। अनु की मां ने जब डा. आयुष को देखा तो पहली नजर में ही उनके व्यवहार ने दिल जीत लिया। पहले सोचा ही नहीं था, साथ में पढ़ाई और दोस्ती का रिश्ता यहां तक पहुंचेगा। मां ने इस केमिस्ट्री को समझा और रिश्ता आगे बढ़ाने के लिए बात की। दोनों परिवारों की सहमति थी।

पहले रिश्ता तय हो गया, बाद में वर्दी पहनने का सपना पूरा हुआ
दोनों की शादी पहले ही तय हो गई थी। इससे पहले अनु का चयन अंडमान निकोबार पुलिस सर्विस और डा. आयुष का चयन आरपीएफ में हुआ था। दोनों ने अध्ययन के लिए अवकाश लिया और फिर पढ़ाई की। फिर 2022 में दोनों साथ में आइपीएस बने। आखिर अपना मुकाम पा लिया। 27 नवंबर 2023 को दोनों विवाह बंधन में बंध गए।

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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