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MP: घोटाले की जांच में गड़बड़ी करने वाला जांच अधिकारी सस्पेंड

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भोपाल। ऐसा बहुत कम होता है जब किसी मामले के जांच अधिकारी की जांच रिपोर्ट पर उठाए गए सवालों पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एक्शन लिया जाता है। इंदौर में छात्रवृत्ति घोटाले की जांच करने वाले अधिकारी की जांच रिपोर्ट पर सवाल उठाया गया और जांच रिपोर्ट में ईमानदारी का अभाव प्रमाणित होने के बाद जांच अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। अब उनके खिलाफ अनुशासनिक की जाएगी।

मामला डिविजनल डिप्टी कमिश्नर (अनुसूचित जाति विकास विभाग) में पदस्थ मंडल संयोजक रामलाल चौहान का है। कमिश्नर ने उन्हें कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने, छात्रवृत्ति योजना, छात्रावास आश्रम की मॉनिटरिंग, राहत योजना, आवास सहायता योजना, सीएम हेल्पलाइन आदि में रुचि नहीं लेने और उदासीनता पाए जाने पर निलंबन की कार्रवाई की है। इस अवधि में उनका मुख्यालय खण्ड शिक्षा कार्यालय विकासखंड पानसेमल जिला बड़वानी रहेगा। इस साल 15 अप्रैल तक सीएम हेल्प लाइन की 1975 शिकायतें पेंडिंग हैं।

छात्रवृत्ति योजना घोटाले की जांच में गड़बड़ी की
जांच में पाया कि PGDM छात्रवृत्ति योजना में कुछ लोगों द्वारा स्टूडेंट्स के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शासन को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। इसकी जांच टीम में रामलाल चौहान को सदस्य बनाया गया था। इसमें जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। इसके परीक्षण में पाया गया कि शिकायत गंभीर प्रवृत्ति की होने के बाद भी चौहान द्वारा विभाग को गुमराह किया गया। चौहान द्वारा दायित्वों के निर्वहन में रूचि नहीं ली गई। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। नौ माह के बाद भी उन्होंने जवाब नहीं दिया। चौहान ने अन्य कामों में भी उदासीनता बरती। चौहान द्वारा 2022-23 में किसी भी जिले के छात्रावास-आश्रमों के निरीक्षण संबंधी कोई भी प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया था।

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