Vishleshan

MP: न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए संविदा पर नियुक्त अधिकारी बजट सहित महत्वपूर्ण फाइलें निपटा रहे

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भोपाल। जल संसाधन विभाग में उच्च न्यायालय के आदेश की खुलेआम अवहेलना हो रही है। विभाग में संविदा पर पदस्थ सेवानिवृत्त अधीक्षण यंत्री को प्रमुख अभियंता का प्रभार दिए जाने पर न्यायालय की रोक के बावजूद संविदा पर पदस्थ प्रभारी पूरा विभाग चला रहे हैं। कार्यालय में बैठकर उन्होंने बजट का कार्य भी संपादित किया।

प्रदेश में जल संसाधन एक महत्वपूर्ण विभाग है। इस समय गर्मी का मौसम है और इस विभाग की जरूरत अधिक बढ़ जाती है, लेकिन सरकार में बैठे जिम्मेदार लोग आंखें मूंदे हुए हैं। यही नहीं, यहां तानाशाही का माहौल बना हुआ है। विभाग में वर्तमान समय में कोई प्रमुख अभियंता नहीं है। हालत यह है कि मुख्य अभियंता स्तर के भी अधिकारी नहीं हैं। पूरा विभाग अधीक्षण यंत्री और उससे नीचे के स्तर के अधिकारी चला रहे हैं।

जानकारी के अनुसार रिटायरमेंट के जो पूर्व में शिकायत के घेरे में रहे अधीक्षण यंत्री शिरीष मिश्रा को संविदा नियुक्ति देकर प्रमुख अभियंता का प्रभार दे दिया गया है। उन्हें बजट एलॉटमेंट एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्य भी दिए गए हैं, जबकि विभाग में लगभग 10 अधीक्षण यंत्री कार्यरत हैं, जिनकी सेवा 10 वर्ष से अधिक हो गई है। उनकी अवहेलना करते हुए कनिष्ठ अधिकारी को प्रदेश भर का विभाग का मुखिया बना दिया गया। मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि न्यायालय ने उक्त मामले में स्थगन आदेश दिया है और फिलहाल उक्त अधिकारी को प्रभार न देने की बात भी कही है, लेकिन विभाग में न्यायालय के आदेश की खुलेआम अवहेलना हो रही है। जल संसाधन विभाग ऐसा विभाग है, जहां रिटायरमेंट के अधिकारियों से अति महत्वपूर्ण कार्य लिए जा रहे हैं। शासन गंभीरता नहीं ले रहा है, विभाग की बदनामी हो रही है और भारतीय जनता पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। साथ ही विभाग में भ्रष्टाचार के मामले भी बढ़ रहे हैं। प्रमुख अभियंता कार्यालय के दो कर्मचारियों सहित विभाग के कई अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त में भी शिकायतें की गई हैं।

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