भोपाल। राजधानी भोपाल में राधेश्याम सेन नाम के एक व्यक्ति ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट के नाम पर उन्होंने एक वीडियो बनाया जो अपनी पत्नी को भेजा था। इसमें उन्होंने सोम डिस्टलरी के संचालक जगदीश अरोरा, अनिल अरोरा और अजय अरोरा को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया था। इसके बाद कांग्रेस नेता अरुण यादव ने सरकार पर निशाना साधा है। अरुण यादव ने X पर पोस्ट करते हुए मध्यप्रदेश सरकार से सवाल किया कि सोम डिस्टलरी से MPSIDC के करीब 575 करोड़ रुपए और जीएसटी के लगभग 8 करोड़ रुपए की वसूली क्यों नहीं की?
10 मई को सोम डिस्टलरीज के संचालकों जगदीश अरोरा, अजय अरोरा और अनिल अरोरा पर उनकी ही कंपनी के कर्मचारी और पार्टनर राधेश्याम सेन ने आरोप लगाकर अपनी कार में आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के पहले राधेश्याम सेन ने एक वीडियो बनाकर अपनी पत्नी को भेजा था, जिसमें सेन ने बताया कि सोम डिस्टलरीज के संचालक जगदीश अरोरा, अनिल अरोरा और अजय अरोरा ने साल 2003 में एक सेल कम्पनी में उन्हें पार्टनर बनाया था। पार्टनरशिप के पैसे भी राधेश्याम सेन को नहीं दिए गए। जब करोड़ों के जीएसटी की वसूली की बारी आई तो जगदीश अरोरा ने राधेश्याम सेन को महज 15 लाख रुपये देकर चुप करा दिया। इसके चलते 10 मई को राधेश्याम सेन ने वीडियो बनाने के बाद आत्महत्या कर ली।
अरुण यादव ने X पर पोस्ट किया कि अन्नदाताओं और आमजन की हजारों रुपए में कुर्की करने वाली सरकार का शराब कंपनी सोम डिस्टलरीज से क्या रिश्ता है, जो सरकार (MPSIDC) के करीब 575 करोड़ रुपए और जीएसटी के लगभग 8 करोड़ रुपए की वसूली नहीं कर रही है? पिछले दिनों सोम डिस्टलरीज के पार्टनर राधेश्याम सेन ने आत्महत्या कर गंभीर आरोप लगाए मगर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई। क्या अधिकारी-नेताओं की शराब कंपनी से कोई सांठगांठ है ?