Business: मोबाइल नहीं रखते, करोड़ों का दान…1.1 लाख करोड़ के साम्राज्‍य के मालिक

मुंबई। श्रीराम ग्रुप के संस्थापक राममूर्ति त्‍यागराजन अरबपति हैं। वह बेहद सादगी से जीते हैं। उनसे सीखने के लिए बहुत कुछ है। 1.10 लाख करोड़ रुपये के साम्राज्य के मालिक होने के बावजूद वह 6 लाख रुपये की कार से चलते हैं। त्‍यागराजन कोई मोबाइल फोन नहीं रखते। विलासिता से कोसों दूर रहते हैं। 1960 के दशक में उन्‍होंने छोटी सी चिट फंड कंपनी के तौर पर श्रीराम ग्रुप की नींव रखी थी। यह आज एक विशाल वित्तीय संस्थान बन गया है। त्‍यागराजन की सफलता का राज उनके अनूठे दृष्टिकोण में छिपा है। आइए, यहां उनके बारे में जानते हैं।

राममूर्ति त्‍यागराजन ने एक बीमा कंपनी से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने महसूस किया कि पारंपरिक बैंक ट्रक ड्राइवरों और कम आय वाले लोगों की अनदेखी कर रहे थे। इस अवसर को पहचानते हुए उन्होंने इन वर्गों को कर्ज देना शुरू कर दिया, खासकर कमर्शियल वाहनों के लिए। इस तरह उन्होंने एक नया बाजार बनाया और उनकी कंपनी तेजी से बढ़ी।

त्यागराजन ने हमेशा अपने कर्मचारियों को परिवार की तरह माना है। अपनी कंपनी की सफलता का श्रेय वह कर्मचारियों को ही देते हैं। त्‍यागराजन ने कंपनी में ऐसा माहौल बनाया है जहां कर्मचारी कंपनी के साथ जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। बिलियनेयर होने के बावजूद त्यागराजन एक छोटे से घर में रहते हैं।

राममूर्ति त्‍यागराजन की कहानी बताती है कि सच्ची सफलता भौतिक चीजों से नहीं, बल्कि दूसरों पर आपके प्रभाव से मापी जाती है। उनका जीवन सादगी, ईमानदारी और लीक से हटकर सोचने की शक्ति का उदाहरण है। राममूर्ति त्यागराजन एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने सफलता की अपनी परिभाषा बनाई है। उन्होंने धन को केवल एक साधन के रूप में देखा है, न कि अंतिम लक्ष्य के रूप में।

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