भोपाल। भोपाल के प्राइवेट स्कूल में पढऩे वाली 3 साल की बच्ची से रेप का मामला सामने आया है। आरोपी उसी स्कूल का टीचर। 6 दिन में 2 प्रदर्शन हुए। दो जांचें भी हुईं। इनमें से एक में स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई। दूसरी जांच में स्कूल में पढऩे वाले 324 बच्चों के भविष्य की चिंता और मान्यता को लेकर मंथन चल रहा है। फिलहाल स्कूल सील है। 7 सदस्यीय टीम यह तय करने में जुटी है कि इन 324 बच्चों के भविष्य का क्या होगा?
सामने आया कि सिर्फ 2 विकल्प ही ऐसे हैं, जिनसे बच्चे अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे। पहला विकल्प- स्कूल की मान्यता रद्द कर दें और बच्चों का दूसरे स्कूल में दाखिला करवा दें। दूसरा विकल्प- मान्यता रद्द नहीं करते हुए इस सत्र के लिए स्कूल की कमान खुद अपने हाथों में ले लें।
जांच कमेटी में शामिल टीटी नगर एसडीएम डॉ. अर्चना रावत शर्मा बताती हैं कि सात सदस्यीय जांच टीम में अफसर, शिक्षाविद् शामिल हैं। स्कूल की मान्यता को लेकर टीम मंथन कर रही है। रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपेंगे। आगे वे ही निर्णय लेंगे। दूसरी जांच जारी है। 324 बच्चों में से 79 ऐसे हैं, जिनका आरटीई (राइट टू एजुकेशन) में एडमिशन हुआ है।
जमीन भी एक मुद्दा…?
इस बीच स्कूल की जमीन को लेकर एक जानकारी सामने आई है। असल में स्कूल की जमीन जहां पर है, उस पर कई लोगों और संगठनों की नजर बताई जाती है। इसके पास ही संघ से जुड़े संगठनों के भवन बने हुए हैं। ये जमीन भीमलीज पर ही दी गई है। यहां पर संघ के मुख्यालय का एक्सटेंशन भी बनाए जाने की योजना थी। लेकिन पहले राई यूनिवर्सिटी के लिए भी जमीन दी गई थी, लेकिन बाद में उसका मामला बिगड़ गया। ये भी कहा जा रहा है कि बिगाड़ दिया गया। रेडक्लिफ स्कूल की जगह पर भी तभी से निगाहें लगी हुई थीं। अब मुद्दा मिला गया तो प्रदर्शन में शामिल एक संगठन ने लीज निरस्त करने की मांग भी कर डाली है। मान्यता निरस्त करने से बच्चों का भी नुकसान होगा, लेकिन इससे जमीन पर नजर रखने वालों को कोई फर्क नही पड़ता।