MP: तकनीकी शिक्षा का बाबू: लॉकर के पीछे गुप्त लॉकर… नोट गिनने की मशीन भी मिली

भोपाल। मप्र तकनीकी शिक्षा संचालनालय के बाबू रमेश हिंगोरानी के मकान में मिले तीन कंसील्ड (छिपे हुए) लॉकर्स ने लोकायुक्त पुलिस को भी हैरान कर दिया है।

इन लॉकर्स का अंदाजा टीम को छापे के दौरान तब लगा, जब उन्हें अलमारी की गहराई तो ज्यादा दिखी, लेकिन उसकी दराज कम चौड़ी थी। टीम ने दराज को अलमारी से बाहर निकाला तो इसके पीछे लॉकर नजर आए। इन्हीं लॉकर्स में सोने-चांदी के जेवर और 12.17 लाख रुपए नकद रखे थे। हिंगोरानी के घर में नोट गिनने वाली एक मशीन भी मिली है। इसके साथ ही घर से अमेरिकी डॉलर एवं दुबई में चलने वाली मुद्रा दिरहम भी बरामद हुई है।
अब जांच एजेंसी इन कड़ियों को जोड़ रही है, क्योंकि केवल 12.17 लाख रुपए के लिए कोई नोट गिनने वाली मशीन नहीं खरीदता। इसको लेकर अफसरों का अनुमान है कि बड़ी मात्रा में कैश की आवक होने पर ही नोट गिनने वाली मशीन की जरूरत पड़ती होगी।

भोपाल लोकायुक्त एसपी दुर्गेश राठौर का कहना है कि हिंगोरानी के दोनों मकानों और उसमें रखे सामान का वैल्युएशन करवाना अभी बाकी है। गुरुवार को सरकारी छुट्टी होने से ये प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई। इसके अलावा घरों से मिले दस्तावेज, बैंक पासबुक, प्रॉपर्टी के दस्तावेज की स्क्रूटनी भी की जानी है।

कितनी संपत्ति अनुपातहीन… अभी तय नहीं

बता दें कि बुधवार को लोकायुक्त पुलिस की 6 टीमों ने एक साथ हिंगोरानी के 6 अलग-अलग ठिकानों पर छापा मारा था। हालांकि दो दिन बाद भी पुलिस टीम ये तय नहीं कर पाई है कि हिंगोरानी की कितनी संपत्ति आय से अधिक है।

फार्म हाउस पर नजर आई कॉल सेंटर जैसी व्यवस्था

छापे के दौरान एक टीम हिंगोरानी के एयरोसिटी स्थित 10 क्वार्टर में बने फार्म हाउस पर भी गई थी। करीब पांच कमरों के इस फार्म हाउस पर दो केयर टेकर भी थीं। एक कमरे से टीम को 3 की-पैड फोन, 5 सिमकार्ड और 3 लैपटॉप मिले हैं। देखने से ये पूरा सेटअप टीम को किसी कॉल सेंटर जैसा लगा इसके लिए वहां एक इंटरनेट कनेक्शन भी लगाया गया था। यहां से जांच एजेंसी द्वारा सभी उपकरण जब्त कर लिए गए हैं। अब हिंगोरानी और उनके परिवार से इसे लेकर सवाल किए जाएंगे।

निजी वाहनों के ईंधन का खर्च उठा रहा है स्कूल

लक्ष्मीदेवी स्कूल में जांच के दौरान टीम को दुबई सिंधी धर्मशाला ट्रस्ट से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं। इसके अलावा रसीद-कट्‌टे भी मिले हैं। स्कूल के इन रसीद-ोकट्‌टों में हिंगोरानी के घर के निजी वाहनों में ईंधन भरवाने की एंट्री मिली हैं। हिंगोरानी स्कूल की सोसायटी में सचिव है। टीम को यहां 1.90 लाख रुपए नकद भी मिले। सवाल करने पर पता चला कि बच्चों को पिकनिक पर सीहोर ले जाना था। इसके लिए 500-500 रुपए फीस ली गई थी। इसके बाद टीम ने ये रकम लौटा दी।

हिंगोरानी या परिवार के नाम बैंक लॉकर की जानकारी नहीं

छापे के दौरान टीम को हिंगोरानी या उनके परिवार के नाम किसी बैंक लॉकर की जानकारी नहीं मिली है। ऐसा इसलिए, क्योंकि घर में लॉकर रेंट की एंट्री नहीं मिली है। इसके बाद भी टीम ने बैंकर्स को पत्र लिखा है कि कोई बैंक लॉकर हो तो उसे अभी बगैर अनुमति के न खोला जाए। टीम को कुछ प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। इनमें से एक भोपाल-इंदौर रोड पर भी बताई जा रही है। फिलहाल इसका आंकलन बाकी है।

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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