Vyapam स्कैम… अब तक खुलासा नहीं हुआ कि 45 लोगों की मौत की वजह क्या थीं…?

विपक्ष का आरोप रहा कि मौतों का आंकड़ा 150
घोटाले से जुड़े बहुत सारे राज अब कभी सामने आ पाएंगे, इसको लेकर संशय
अलीम बजमी
भोपाल। एक -एक कर संदिग्ध आरोपियों, गवाहों, जांच अधिकारी, रसूखदार आदि की मौतों ने व्यापमं. स्कैम को ओर भयावह बना दिया। मरने वालों में ज्यादातर की उम्र 24 से 30 साल रही। ये मौतें भी एक-दो नहीं, तकरीबन 45 हुई। मौत की गुत्थी भी अनसुलझी है। ये भी जान लीजिये कि आधी मौतें जुलाई 2013 में व्यापमं. स्कैम की जांच शुरू होने तक हो चुकी थीं।हांलाकि रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौतों को लेकर कई तरह की चर्चाएं अब भी राजनीतिक, प्रशासनिक  क्षेत्रों और मीडिया  में सरगर्म हैं। वर्ष 2015 में, एसटीएफ ने हाईकोर्ट को सौंपी एक रिपोर्ट में संदेह जताया गया था कि 23 की  मृत्यु”अप्राकृतिक ” है।  वहीं, विपक्ष का आरोप रहा कि मौतों का आंकड़ा तकरीबन 150 है। लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई। उधर, संदिग्ध हालात में हुई मौतों को लेकर कुछ परिजनों ने सिस्टम पर तरह-तरह के आरोप भी लगाए थे। 
इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप के राजनीतिक तीर भी चले लेकिन मौतों की पहेली अब तक नहीं सुलझी। इन मौतों से घोटाले से जुड़े बहुत सारे राज अब कभी सामने आ पाएंगे, इसको लेकर संशय है। यह भी एक तथ्य है कि मरने वालों में काफी लोग चंबल क्षेत्र के रहने वाले थे। व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं. स्कैम में कुछ रसूखदार, बिचौलिये, नौकरशाहों आदि के नाम शामिल रहे तो जांच से जुड़े एक अफसर की मौत भी एक रहस्य है। हांलाकि वर्ष 2023 में सरकारी स्तर पर यही कहा गया कि संदिग्धों की मौत की वजह दिल का दौरा पड़ने, सीने में दर्द होने, सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने और आत्महत्या करना है। इसके चलते संबंधितों के कई परिवारों को सामाजिक एवं आर्थिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। कुछ के वैवाहिक रिश्ते तो कई मां-बाप के सपने टूट गए।
पहले जानिये…  व्यापमं. स्कैम।  प्रवेश और भर्ती के लिए आयोजित तकरीबन 13  परीक्षाओं के नाम पर हुआ था। घोटाले को सांकेतिक शब्द में इंजन-बोगी सिस्टम के नाम से पुकारा गया। इसी तर्ज पर परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान हाल में बैठने की व्यवस्था की जाती थी, ताकि आगे-पीछे बैठे परीक्षार्थी नक़ल कर सकें। सिर्फ इतना ही नहीं, मेडिकल-इंजीनियरिंग आदि की प्रवेश परिक्षाओं में परीक्षार्थी के बदले दूसरों से उत्तर लिखवाए जाते थे। एग्ज़ाम शीट्स परीक्षा का समय ख़त्म होने के बाद भरी जाती थीं। ये मुद्दा विधानसभा चुनाव में भी गूंजा था। लोकसभा में भी इसे उठाया गया था। इस घोटाले में शामिल करीब 45 संदिग्धों की मौतों में  प्रदेश के राज्यपाल रहे रामनरेश यादव के आरोपी बेटे शैलेश यादव का शव लखनऊ में उनके आवास पर संदिग्ध अवस्था में मिलने से यह सुर्खियों में रहा था। 
2500 करोड़ रुपए की अनियमितता …. आरोप है कि व्यापम के कुछ अफसरों, बिचौलिए आदि के गठजोड़ ने इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों मे एडमिशन और सरकारी नौकरी की भर्ती परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर रिश्वत लेकर करीब 2500 करोड़ रुपए की अनियमितता की थीं। कुछ का अनुमान इससे अधिक राशि का है।
नाम बदल दिया… घोटाले का खुलासा होने पर राज्य सरकार ने करीब दो साल पहले व्यापमं.का नाम बदलकर मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल कर दिया था। मौजूदा स्थिति में मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल के जरिए ही राज्य में इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेजों में एंट्रेंस एग्जॉम  और सरकारी विभागों में नौकरी के लिए भर्ती परीक्षा हो रही है।
घोटाले के तार… मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्र प्रदेश समेत कई राज्यों से घोटाले के तार जुड़े होने की बात सामने आई थी।
एसटीएफ के बाद सीबीआई को सौंपी जांच….पहले मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थीं। लेकिन मामला राजनीतिक रूप से गर्माने और सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने पर इस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का फैसला हुआ।
आरोपी बनाए गए… रिश्वत लेकर प्रवेश परीक्षाओं और भर्तियों में नकल करने के मामले में 4046 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
45 नहीं 50 की हुई थी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत… व्यापम घोटाले के एक व्हिसलब्लोअर का आरोप था कि व्यापम घोटाले से जुड़े करीब 50 आरोपियों, गवाह और जांचकर्ता की हार्ट अटैक, कार एक्सीडेंट, सुसाइड और डूबने से मौत हो गई। हालांकि उस समय राज्य सरकार का कहना रहा कि इन मौतों का व्यापम घोटाले से कोई लेना देना नहीं है। ये सभी सामान्य मौतें थी।
मौतों को लेकर क्या-क्या कहा गया… घोटाले की आरोपी एक महिला डॉक्टर की लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में मौत हो गई। कथित तौर पर कहा गया कि ड्रग्स का ओवरोडज लेने से उसकी मौत हुई है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के एक शीर्ष अधिकारी ने अपने घर के पीछे आत्मदाह कर लिया,  इसको भी संदेहास्पद माना जाता है क्योंकि उनका नाम भी व्यापम घोटाले की चर्चा में रहा था। एक वेटनरी अफसर की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उनके परिजनों ने मौत को हत्या करार दिया था। एनएस मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली के होटल में मृत पाए गए, इनका नाम भी व्यापम घोटाले में लिया जाने से इनकी मौत को भी हत्या करार दिया गया।एक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर का नाम भी व्यापमं. घोटाले में आने पर उसका शव झील में मिलने से हत्या होने का संदेह जताया गया था।

साभार

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