भोपाल। उज्जैन एसडीएम पर रिश्वत को आरोप लगा है। रिश्वत के आरोप के बाद सरकार ने SDM का तबादला भोपाल कर दिया, लेकिन कलेक्टर इन्हें रिलीव करने को तैयार नहीं हैं। अब इस मामले को लेकर कलेक्टर और कमिश्नर में खींचतान चल रही है। मामला रोचक और भी हो जाता है जब पूरा घटनाक्रम प्रदेश के मुख्यमंत्री के गृह जिले में हो रहा है। आइए बताते हैं सिलसिलेवार पूरा घटनाक्रम…
फाइल क्लीयर करवाना है तो तीन लाख रुपए दे दो
दरअसल मामला 13 सितंबर का है। प्रदीप जायसवाल ने अपने प्लॉट को लेकर एक शिकायती आवेदन कलेक्टर से लगाकर मुख्यमंत्री तक को दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि इसमें कुछ संशोधन होना है इसको लेकर वे 2021 से परेशान हैं। ये मामला कलेक्टर ने एसडीएम मोहम्मद सिराज खान को सौंप दिया था। प्रदीप जायसवाल जब एसडीएम से मिलकर बाहर निकले तो एक मौलाना टाइप व्यक्ति उनके पास आए और बोले- यदि आपको अपनी फाइल क्लीयर करवाना है तो तीन लाख रुपए दे दो। साथ ही बोला कि आपकी दिए हुए रुपए मस्जिद के निर्माण कार्य में लगाए जाएंगे। मैं और एसडीएम साहब जिस मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं वहां इन पैसों का उपयोग किया जाएगा। एक तरह से आपका रुपया धर्म के काम में लगाया जाएगा।
तुम्हारा यह पैसा मस्जिद में लगेगा
प्रदीप जायसवाल ने इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक की। ये शिकायत 20 सितंबर को की गई थी इसमें लिखा है कि रिश्वत के रूप में मुझसे मस्जिद के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। शिकायत को लेकर संभागायुक्त ने कलेक्टर को 20 सितंबर को निर्देश भी दिया कि शिकायत के आधार पर पैसे मांगने वाले पर उचित कार्रवाई की जाए।
एसडीएम को उज्जैन से नहीं किया गया रिलीव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मामले को लेकर 24 सितंबर को एसडीएम मोहम्मद सिराज खान का तबादला वल्लभ भवन भोपाल में कर दिया गया। इस आदेश को 10 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक एसडीएम को उज्जैन से रिलीव नहीं किया गया है। एसडीएम मोहम्मद सिराज खान को रिलीव नहीं किए जाने को लेकर यही बात सामने आ रही है कि कलेक्टर साहब तबादला रुकवाने की कोशिश में जुटे हैं।