भोपाल। मध्यप्रदेश में बजट सत्र का दूसरा दिन हंगामेदार रहा। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सदन में विभागों के प्रमुख सचिवों की गैर मौजूदगी को लेकर सवाल उठाया। इस पर सभापति ने कहा कि सदन में जवाबदारी मंत्रियों की होती है। जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाक आउट कर दिया। नारेबाजी भी की।
सेमरिया विधायक अभय मिश्रा ने कहा कि एमपी में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। 20 साल से कॉपी पेस्ट बजट बन रहा है। कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी ने कहा कि लाड़ली बहनों के नाम काटे जा रहे हैं, लेकिन नई लाड़ली बहनों के नाम नहीं जोड़े जा रहे।
मंगलवार सुबह 9 बजे से शुरू हुई कार्यवाही रात 7.30 बजे तक चली। इस दौरान शून्य काल, प्रश्नकाल और राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की गई। इस दौरान बेरोजगारी से लेकर कई मुद्दे उठाए है। इसके बाद सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। बुधवार को डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा मप्र का बजट पेश करेंगे।
कांग्रेस विधायक ने शिक्षकों की कमी पर सवाल उठाया
चर्चा के बीच ही विधायक जयवर्धन सिंह ने प्रदेश के स्कूलों में 70000 शिक्षकों की कमी का मुद्दा उठाया। कहा कि सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है।
इस पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा- विधायक अभिभाषण से हटकर वक्तव्य दे रहे हैं। सत्ता पक्ष के दूसरे सदस्य भी सारंग का समर्थन करने लगे। शोर शराबे की स्थिति बन गई। जवाब में कांग्रेस विधायक भी शोर-शराबा करने लगे।
प्लास्टिक के सांप लेकर विधानसभा पहुंचे कांग्रेस विधायक
इससे पहले आज सुबह कांग्रेस विधायक प्लास्टिक के सांप लेकर विधानसभा पहुंचे। गांधी प्रतिमा के सामने बेरोजगारी को लेकर प्रदर्शन किया। विपक्ष का कहना है कि बीजेपी सरकार नौकरियों पर सांप की तरह कुंडली मारकर बैठी है। युवा परेशान हो रहे हैं।
केवलारी विधायक का गेहूं की बालियों के साथ प्रदर्शन
केवलारी विधायक रजनीश सिंह ने गेहूं की बालियां लेकर प्रदर्शन किया। वे बालियों के साथ ही सदन के भीतर जाना चाहते थे। लेकिन मार्शल ने उन्हें रोक लिया। इस पर विधायक उनसे बहस करने लगे। सिंह ने कहा कि किसानों को न तो पर्याप्त बिजली मिल रही है, न ही पानी। मैं स्पीकर को ये सूखी बालियां भेंट करना चाहता हूं। किसानों की वेदना दिखाना चाहता हूं।
विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल खत्म होने के बाद वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 19206 करोड़ 79 लाख 529 रुपए के दूसरे अनुपूरक बजट को सदन के पटल पर रखा।