MP: स्मार्ट सिटी CEO के बैठक से गायब रहने पर भड़के सांसद- विधायक, भोपाल के प्रभारी मंत्री बोले- ऐसे अफसर को हटाया जाए

भोपाल। डोंगर स्थगित होने के बाद प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप की पहली बैठक हुई, उसमें भी स्मार्ट सिटी के CEO किरोड़ीलाल मीना गायब रहे। इस पर मंत्री ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि मीटिंग में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को लेकर काफी असंतोष था। सीईओ भी मौजूद नहीं थे। यह ठीक नहीं है। सभी जनप्रतिनिधियों की ओर से निर्देश दिए हैं कि इस तरह के अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए। कलेक्टर से कहा है कि सीईओ के बारे में उचित निर्णय लें। इधर, सांसद आलोक शर्मा और विधायक रामेश्वर शर्मा भी सीईओ के गायब होने पर भड़क उठे।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री काश्यप की अध्यक्षता में दोपहर 12.30 बजे से कलेक्टोरेट में जिले की समीक्षा बैठक शुरू हुई, जो करीब 2 घंटे चली। सांसद आलोक शर्मा, महापौर मालती राय,जिला पंचायत अध्यक्ष रामकुंवार गुर्जर,विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवान दास सबनानी, विष्णु खत्री ,कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, बीजेपी जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी, निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी आदि भी मौजूद हैं। मीटिंग में शहरी और गांवों की जर्जर सड़कों को लेकर चर्चा की गई। गोवंश के लिए गोशाला और गांवों में पेयजल की किल्लत को दूर कारने को कहा।

सभी नेताओं की नाराजगी देखने को मिली
मीटिंग में सांसद, विधायकों की नाराजगी भोपाल स्मार्ट सिटी पर देखने को मिलीं। उन्होंने प्रोजेक्ट के बारे में शिकायत की। स्मार्ट सिटी के सीईओ मीना भी मीटिंग में नहीं थे। इस कारण नाराजगी और भी बढ़ गई। सीईओ के गायब होने पर मंत्री काश्यप ने सख्त नाराजगी जताई।

स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट का रिव्यू करेंगे प्रभारी मंत्री
प्रभारी काश्यप ने कहा, भोपाल के विकास के कार्यों और योजनाओं को लेकर नया कीर्तिनाम बनाएंगे। स्मार्ट सिटी के लिए अक्टूबर के पहले सप्ताह में मीटिंग करेंगे। जिसमें स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट का रिव्यू करेंगे।

हर महीने मीटिंग करेंगे
मंत्री काश्यप ने बताया कि जल्द ही नगर निगम की मीटिंग करेंगे। जिसमें विकास कार्यों को लेकर बात की जाएगी। इस बैठक में मेट्रो समेत अन्य विषयों पर बात की है। अगले महीने से नियमित रूप से मीटिंग करेंगे। ताकि सभी प्रस्ताव पास हो सके। सड़कों की स्थिति सुधारी जाएगी। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। बैठक में गोवंश के लिए गोशाला और जलप्रदाय जैसे बिंदुओं पर भी बात की गई है।

नेताओं की नाराजगी के बाद सीईओ को नोटिस
मीटिंग में प्रभारी मंत्री, सांसद और विधायकों की नाराजगी के बाद स्मार्ट सिटी के सीईओ मीना को कलेक्टर सिंह ने नोटिस दिया है। इसके साथ ही मंत्री ने स्मार्ट सिटी एडवाइजरी बोर्ड की एक अलग विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित करने के निर्देश भी दिए हैं।

सीईओ पर सबसे ज्यादा सांसद-विधायकों का गुस्सा फूटा
बताया जाता है कि मीटिंग में सांसद आलोक शर्मा और विधायक रामेश्वर शर्मा सीईओ मीना को लेकर जमकर नाराज हुए। विधायक सबनानी ने भी नाराजगी जताई। इसके लिए मीटिंग में काफी देर तक हंगामा हुआ। कलेक्टर ने सीईओ को मीटिंग से ही कॉल लगाने की बात कही तो उन्हें विधायकों ने मना कर दिया। प्रभारी मंत्री ने भी मीटिंग से गायब रहने पर नाराजगी जताई।

जलापूर्ति योजनाओं की धीमी गति पर भी चिंता
जल जीवन मिशन की समीक्षा के दौरान प्रभारी मंत्री ने जलापूर्ति योजनाओं की धीमी गति पर चिंता व्यक्त की और इन्हें शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि पेयजल योजनाओं में निरंतर जलापूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए।

खेल मैदानों के लिए कलेक्टर लिखेंगे पत्र
सीएम राइज स्कूलों की समीक्षा करते हुए प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि जिले के सभी सीएम राइज स्कूलों में खेल मैदानों का विस्तार किया जाए। इसके लिए उन्होंने कलेक्टर से कहा कि वे शिक्षा मंत्री को अतिरिक्त राशि आवंटन के लिए पत्र लिखें। मंत्री ने शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं के तहत संजीवनी क्लीनिकों को शीघ्र शुरू करने के निर्देश भी बैठक में दिए। प्रभारी मंत्री ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराकर उनके माध्यम से क्लिनिकों का उद्घाटन कराया जाए।

मीटिंग में सड़कों का मुद्दा भी उठाया
भोपाल कलेक्टोरेट में करीब एक साल बाद प्रभारी मंत्री की मीटिंग हुई। पिछले साल विधानसभा चुनाव के पहले तत्कालीन प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह की मौजूदगी में समीक्षा बैठक की गई थी। मीटिंग में जिला पंचायत के जनप्रतिनिधि गांवों की जर्जर सड़कों का मुद्दा भी उठाया। शहर की सड़कें भी काफी खस्ताहाल है। जिन्हें दुरुस्त कराने की बात प्रभारी मंत्री काश्यप ने कहीं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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