Saurabh sharma की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, भोपाल कोर्ट में लगाई थी अर्जी

भोपाल। आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा की अग्रिम जमानत याचिका भोपाल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने खारिज कर दी है। आज (गुरुवार) ही सौरभ ने अपने वकील राकेश पाराशर के जरिए अग्रिम जमानत याचिका फाइल की थी। सुनवाई शुक्रवार को होना थी, लेकिन वकील के अनुरोध पर जज ने आज ही सुनवाई की और सौरभ शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया।

लोकायुक्त के छापे की कार्रवाई के 7 दिन बाद सौरभ शर्मा ने अपना पक्ष रखा है। सौरभ शर्मा के वकील ने अदालत में दलील दी कि आरोपी लोक सेवक नहीं है, उसे अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए। न्यायाधीश ने अपने आदेश में उसे लोक सेवक मानते हुए और अपराध की गंभीरता को देखते हुए अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया।

वकील बोला- लोकायुक्त की कार्रवाई
सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने लोकायुक्त की कार्रवाई को गलत बताया है। एडवोकेट राकेश पाराशर के मुताबिक, सौरभ लोकसेवक नहीं है। इसके बाद भी लोकायुक्त ने उसके घर छापा मारा। यह कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। जिस कार में सोना मिला, वो उसके नाम नहीं है। इस सोने से भी उसका कोई लेना-देना नहीं है।

पाराशर का कहना है कि
हम चाहते हैं कि हमें अग्रिम जमानत का फायदा मिले, जिससे हम पूरी मजबूती के साथ सामने आएं और अपनी बात को रख सकें। हम जांच में पूरी तरह से सहयोग करने को तैयार हैं। जहां हिसाब देना होगा, वो भी देंगे। इससे साफ हो जाएगा कि सौरभ के पास बरामद माल कहां से और कैसे आया है।

सवा दो करोड़ में खरीदा था बंगला
सौरभ भोपाल शहर के अरेरा कॉलोनी में बंगला नंबर E-7/78 में रहता है। 2015 में उसने इसे सवा दो करोड़ रुपए में खरीदा था। हालांकि, सौरभ इसे अपने बहनोई का बंगला बताता है। बंगले की मौजूदा कीमत 7 करोड़ रुपए है। सूत्रों के मुताबिक, नौकरी करते समय सौरभ ने यह बंगला किसी अन्य के नाम से खरीदा था।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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