ग्वालियर। ग्वालियर में सोमवार सुबह एक बड़ा मामला सामने आया है। परिवहन विभाग के इकलौते ASI (असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर) धर्मवीर सिंह की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है। उनका शव उनके घर में पड़ा मिला है। सोमवार सुबह 10 बजे यह सूचना पुलिस को मिली थी।
धर्मवीर सिंह मूल रूप से चित्रकूट के रहने वाले थे। वह ग्वालियर परिवहन विभाग में उड़नदस्ता प्रभारी के पद पर पदस्थ थे। वे 6 महीने बाद रिटायर होने वाले थे। उनकी मौत को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि धर्मवीर सिंह करोड़पति पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के साथ पदस्थ रहे हैं।
सौरभ का मामला तब से सुर्खियों में है, जब उसके यहां लोकायुक्त और फिर आयकर की टीम ने छापा मारा था। सौरभ इन दिनों जेल में बंद है। कुछ लोग धर्मवीर की मौत को सौरभ शर्मा के मामले से जोड़कर भी देख रहे हैं।
पुलिस को ज्यादा शराब पीने से मौत की आशंका
घटना की सूचना मिलते ही कंपू थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई है। मृतक एएसआई के परिजन को सूचना दे दी है। पुलिस अब परिजन के आने का इंतजार कर रही है। फिलहाल पुलिस स्पॉट पर जांच कर रही है। पुलिस को ऐसा पता लगा है कि एएसआई धर्मवीर सिंह शराब पीने के आदी थे। अभी यहां शिवपुरी लिंक रोड के साउथ एवेन्यू स्थित घर में वह अकेले रहते थे। ज्यादा शराब पीने से उनकी मौत की आशंका जताई जा रही है।
धर्मवीर के ड्राइवर उदित नारायण ने बताया कि एएसआई को रात में चाय देने के बाद वो करीब 11 बजे अपने कमरे में जाकर सो गया था। सुबह 6 बजे जब उन्हें जगाने गया तो, शरीर में कोई हलचल नहीं थी। इस पर पड़ोस में रहने वाले मुन्ना गुर्जर को बुलाकर लाया। उदित ने आशंका जताई कि हार्ट अटैक के चलते एएसआई की नींद में ही मौत हो गई थी। कमरे की हालत सामान्य थी।
उदित के अनुसार परिवार को लेकर भी कोई तनाव नहीं था। धर्मवीर सिंह की लगभग रोज ही घर पर बातचीत होती थी। शराब पीने की बात पर उदित ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं था। कल रात में ना तो कोई आया था और ना ही उन्होंने शराब पी थी।
धर्मवीर सिंह के पड़ोस में रहने वाले मुन्ना गुर्जर ने बताया कि सुबह उनका नौकर करीब 6.30 बजे आया। उसने बताया कि साहब उठ नहीं रहे हैं, कोई जवाब भी नहीं दे रहे। इस पर वे उन्हें देखने पहुंचे। धर्मवीर एक हाथ सिर पर रखकर लेटे हुए थे। जब उनका हाथ सिर से हटाने की कोशिश की गई तो वो अकड़ चुका था। इससे कयास लगाया जा रहा है कि उनकी मौत तीन से चार घंटे पहले ही हो गई थी।
गुर्जर के अनुसार रोज सुबह ही उनकी टीम के साथ उन्हें लेने आ जाते थे। इस मामले की सूचना पहले वरिष्ठ अधिकारियों और फिर परिवार को दी गई। करीब एक घंटे के अंदर अधिकारी मौके पर पहुंचे और बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।