Saurabh Diary: 6 पेज में 1300 करोड़ का हिसाब
पटवारी बोले- 3 एजेंसियां कर रहीं जांच, न कोई गिरफ्तारी, न पूछताछ
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा मामले में जांच एजेंसियों पर सवाल खड़े किए हैं। भोपाल स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि इस केस की तीन एजेंसियां जांच कर रही हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
पटवारी ने कहा, इस मामले में न किसी की गिरफ्तारी हुई है और न किसी से पूछताछ। ऐसा लग रहा है कि जांच एक जगह आकर रुक गई है। इसके पीछे कौन है, यह पता लगाना जरूरी है। पटवारी ने जांच को जल्द और पारदर्शी तरीके से पूरा करने की मांग की, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
डायरी और सौरभ का पता लगना चाहिए
पटवारी ने कहा- सौरभ शर्मा के यहां लोकायुक्त, आयकर विभाग और ईडी ने छापेमारी की थी, जिसमें 100 करोड़ रुपए की संपत्ति, 11 करोड़ रुपए नगद और 55 किलो सोना बरामद हुआ था। इस छापेमारी में एक डायरी का जिक्र हुआ था, जिसे मैंने कई बार उठाया है। यह डायरी पब्लिक डोमेन में आनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, मैं प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस मामले में शीघ्र कार्रवाई की जाए। सौरभ शर्मा को सुरक्षा मिलनी चाहिए और यह पता लगाना चाहिए कि वह कहां हैं। प्रशासन और शासन जितनी देर करेंगे, डायरी और सौरभ शर्मा के अस्तित्व पर सवाल उठते जाएंगे।
कोडवर्ड में लिखे नाम- क्या अफसर और मंत्रियों के हैं?
पटवारी ने कहा कि डायरी में 5 महीने के दौरान 50 करोड़ रुपए का हिसाब दिया गया है। उन्होंने बताया कि डायरी के छह पन्ने सामने आए हैं, जिसमें बताया गया है कि पैसा कहां से आया और कहां गया। पटवारी ने कहा, डायरी के पन्नों पर टीएम और टीसी लिखा हुआ है। ये क्या हैं? क्या टीसी का मतलब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर है और टीएम का मतलब ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर का कोड वर्ड है?
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि बाकी के 60 पन्ने कहां हैं, क्योंकि पूरी डायरी 66 पन्नों की है। पटवारी ने कहा, यह पैसा कहां जा रहा था, यह सवाल मध्य प्रदेश की जनता, विपक्ष और मीडिया सब जानना चाहते हैं।
सौरभ ने दो-दो मुख्यमंत्रियों के समय किया काम
पटवारी ने कहा- प्रधानमंत्री जी से मेरे कुछ सवाल हैं। दो-दो चीफ मिनिस्टर पहले शिवराज जी और अब मोहन यादव दोनों के कार्यकाल में सौरभ शर्मा ने काम किया। यह जो संयुक्त लूट हुई। यह मध्य प्रदेश की जनता से उगाई हुई लूट है। डायरी के इन 6 पन्नों में एक चेकपोस्ट से 1536 करोड़ रुपए का हिसाब है। दूसरा हिसाब 103 करोड़ और तीसरा हिसाब 155 करोड़ रुपए वन टाइम पेमेंट का हिसाब छह पन्नों में हैं। तो फिर 66 पन्नों में क्या होगा। मतलब 1300 करोड़ के लगभग इन 6 पन्नों में आया है तो 66 पन्नों में क्या आया होगा? कोई सरकारी एजेंसी बताएगी कि यह छह पन्ने कहां से आए?
19 आरटीओ चेकपोस्ट का 6 पेजों में बही खाता
पटवारी ने कहा- भ्रष्टाचार का बही खाता इतना भयंकर है कि मासिक आय कहां से कितनी होगी? यानी छोटे टोल से लगभग 30 करोड़ और बड़े टोल से 60 करोड़ रुपए दिए जाते थे। 19 आरटीओ चेक पोस्ट जिसमें 51 आरटीओ के 19 चेकपोस्ट पर यह वसूली की जाती थी। उनका हिसाब इन 6 पन्नों में बताया गया, उन चेक पोस्टों के नाम भी लिखे हुए हैं। मैं यह मीडिया को उपलब्ध करा रहा हूं। सरकार ने कहा कि 2021 के बाद हम चेक पोस्ट खत्म कर देंगे यानी हम चेक पोस्ट खत्म कर देंगे सरकार को कुछ नहीं देंगे। लेकिन उगाही जारी रखेंगे। अलग-अलग जगह पर छोटे-छोटे कर्मचारियों को ठेका दिया गया।