PWD Bhopal: लेडी कॉन्ट्रेक्टर, चीफ इंजीनियर और 19 करोड़ के ठेके…उलझी कहानी….

भोपाल। प्रदेश सरकार के लोक सेवा निर्माण विभाग यानी पीडब्ल्यूडी के 19 करोड़ रुपए के 9 कॉन्ट्रेक्ट इन दिनों चर्चा में हैं। जिस फर्म ने काम किया है, उसका नाम है यूएस इंफ्रा प्रोजेक्ट। प्रोपराइटर है आईएएस की तैयारी करने भोपाल आई एक युवती। इन कॉन्ट्रेक्ट के भुगतान की चर्चा के बीच उस लड़की का पति होने का दावा करने वाला एक शख्स सामने आया है।

इस शख्स का कहना है कि पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर संजय मस्के ने उसकी पत्नी को कॉन्ट्रेक्टर बनाकर कॉन्ट्रेक्ट दिलवाए। इस बीच चीफ इंजीनियर ने उसकी पत्नी के साथ नजदीकी बढ़ा ली। उसने ये भी दावा किया है कि उसके पास उसकी पत्नी और चीफ इंजीनियर के निजी फोटो और वीडियो भी हैं।

कॉन्ट्रेक्टर युवती का कहना है कि जो शख्स मेरा पति होने का दावा कर रहा है, वो मुझे पैसों के लिए ब्लैकमेल कर रहा है। वो शख्स कभी मेरी जिंदगी में आया था लेकिन उससे मैंने शादी नहीं की। जबकि चीफ इंजीनियर का कहना है कि जिन कॉन्ट्रेक्ट की बात हो रही है, वो उन्होंने नहीं दिलवाए। उन्होंने ये जरूर स्वीकार किया कि वो युवती उनके मित्र की बेटी है। उनसे मिलने-जुलने आती रही है।

आरोप- शादी के बाद मैंने इंजीनियरिंग पढ़ाई, IAS बनने भोपाल भेजा
कॉन्ट्रेक्टर युवती का पति होने का दावा करने वाले शख्स ने कहा- मेरा नाम विकास गुप्ता है। छिंदवाड़ा के आदर्श नगर में रहता हूं। 5वीं-6वीं तक पढ़ा हूं। परासिया रोड पर जनता गैराज नाम से दुकान है। पेशे से मैकेनिक हूं। 2014 में मेरे पास टवेरा गाड़ी सुधरने आई थी।

मैंने गाड़ी मालिक को फोन लगाया तो एक लड़की ने उठाया। धीरे-धीरे उस लड़की से मेरी बात होने लगी। प्यार हुआ और फिर हमने शादी कर ली। मेरी पत्नी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहती थी। छिंदवाड़ा के एक कॉलेज में उसे एडमिशन दिलाया। इंजीनियरिंग के बाद उसने आईएएस की तैयारी करने की इच्छा जताई। इसके लिए उसे भोपाल लेकर आया। एक बड़े कोचिंग सेंटर में उसका एडमिशन कराने के बाद मैं वापस छिंदवाड़ा चला आया।

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फोन पर मर्द की आवाज आई तो शक हुआ
विकास ने आगे बताया- एक बार मैंने उसे फोन लगाया तो किसी मर्द की आवाज आई। मुझे शक हुआ। पत्नी के मोबाइल में मेरे आधार कार्ड से ली गई सिम थी। मैंने कॉल डिटेल चेक की तो पता चला कि उसकी संजय मस्के से बात होती है। वो चीफ इंजीनियर है। उसने मेरी पत्नी को पीडब्ल्यूडी का कॉन्ट्रेक्टर बनवा दिया है। उसे नर्मदापुरम में करोड़ों रुपए के कॉन्ट्रेक्ट भी मिल गए।
संजय मस्के से मैंने फोन पर बात की तो जवाब मिला- तू मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता। 20 अक्टूबर 2021 को वाल्मिकी जयंती के दिन पत्नी और चीफ इंजीनियर सीहोर के क्रिसेंट पार्क गए थे। पत्नी ने अपने वाट्सएप नंबर से मुझे इसके फोटो-वीडियो भी भेजे।

कॉन्ट्रेक्ट की जांच कराने की मांग भी की
खुद को कॉन्ट्रेक्टर का पति बताने वाले विकास गुप्ता का दावा है कि जिस नाम से फर्म बनाई गई है, उसमें मेरी पत्नी और उस इंजीनियर के पहले अक्षर का जिक्र है। फर्म का नाम यूएस इंफ्रा रखा गया है।

विकास ने इस फर्म के कामों की जांच के लिए मुख्यमंत्री और डीजी लोकायुक्त को की गई शिकायत की कॉपी भी दैनिक भास्कर को दी है। हालांकि, ये शिकायत चंद्रवीर सिंह भाटी ने की है। इसमें कहा गया है कि इस फर्म को मिले कॉन्ट्रेक्ट की जांच होनी चाहिए। इस फर्म का रजिस्ट्रेशन 9 अगस्त 2021 को हुआ है। भोपाल जोन के चीफ इंजीनियर मस्के ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस फर्म को कॉन्ट्रेक्ट दिलाए हैं।

विकास ने आर्य समाज मंदिर, छिंदवाड़ा में 25 जून 2014 को हुई शादी का प्रमाण पत्र भी उपलब्ध कराया है। उसका ये भी तर्क है कि शादी हुई है, तभी तो कोर्ट में तलाक का केस चला।

युवती बोली- विकास से कोई रिलेशन नहीं
कॉन्ट्रेक्टर युवती ने बताया- जिंदगी में कई लोग आते हैं। कभी विकास भी मेरी लाइफ में आया था। मेरी बात उससे होती थी। मेरा उससे रिलेशन नहीं था। विकास गुप्ता पहले से विवाहित है और हमें ब्लैकमेल कर रहा है। उसने मुझे मेंटली परेशान कर दिया है।
विकास गुप्ता से मेरा पति-पत्नी वाला रिश्ता नहीं है। उसने मुझे सामाजिक रूप से बदनाम कर दिया है। वो पहले से शादीशुदा है।

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अधिकारी ने कहा- युवती मेरे मित्र की बेटी, इससे ज्यादा कुछ नहीं
चीफ इंजीनियर संजय मस्के से जब दैनिक भास्कर ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि वे 5वीं पास मैकेनिक के आरोपों पर कुछ नहीं बोलेंगे।

जब उनसे हमने पूछा कि ये आरोप सिर्फ निजी नहीं, बल्कि आपकी कार्यप्रणाली पर भी हैं। क्या आपने उस कॉन्ट्रेक्टर युवती को 9 ठेके दिलवाए और भुगतान कराया है तो मस्के ने कहा कि 4 करोड़ रुपए से नीचे के काम चीफ इंजीनियर से नीचे के स्तर से ही सेंक्शन होते हैं। उसमें मेरा कोई रोल नहीं है। संभवत: मेरे ही विभाग के कुछ लोग मुझे फंसाने के लिए ये साजिश रच रहे हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि छिंदवाड़ा से वो मैकेनिक जिस गाड़ी से भोपाल आया, वो पीडब्ल्यूडी से ही लिंक है। उन्होंने उस गाड़ी की तस्वीर भी अपने मोबाइल फोन पर हमें दिखाई।

साभार

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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