भोपाल । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल ने नवभारत समाचार पत्र भोपाल के डायरेक्टर और अन्य के विरुद्ध विशेष न्यायालय में प्रॉसीक्यूशन कंप्लेंट (पीसी) दायर की है। नवभारत प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीनरी के लिए लोन लेने के मामले में ईडी की जांच में कई खुलासे हुए हैं। इसके अनुसार एनबी ग्रुप ऑफ कंपनीज के कर्मचारियों के नाम वाले बैंक खातों से यह राशि डायवर्ट की गई थी। यह पीसी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के अंतर्गत दायर की गई है।
इसके बाद ईडी ने 22 मार्च को बृज माहेश्वरी और अन्य के खिलाफ विशेष न्यायालय (पीएमएलए), भोपाल के समक्ष अभियोजन शिकायत (पीसी) दायर की है। ईडी ने सीबीआई, एसपीई, बीएस एंड एफसी, नई दिल्ली द्वारा आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दायर आरोपपत्र के आधार पर जांच शुरू की।
डायवर्ट किया था बैंक का पैसा
ईडी की जांच में पता चला कि मेसर्स नव भारत प्रेस (भोपाल) प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निदेशक सुमित माहेश्वरी और अन्य के माध्यम से वर्ष 2004 के दौरान प्रेस के आधुनिकीकरण और मशीनरी की खरीद के लिए बैंक ऑफ महाराष्ट्र, गौतम नगर शाखा, भोपाल से अलग-अलग ऋण सुविधाओं का लाभ उठाया था। हालांकि इस ऋण राशि को विभिन्न कंपनियों के बैंक खातों के माध्यम से डायवर्ट किया गया था, जो एनबी ग्रुप ऑफ कंपनीज के कर्मचारियों के नाम पर थे। जांच के दौरान पाया गया कि माहेश्वरी परिवार ने कॉर्पोरेट संस्थाओं का उपयोग करके विभिन्न कॉर्पोरेट और व्यक्तिगत लोन निपटान के लिए लोन की रकम को डायवर्ट किया और इस प्रकार बैंक की ओर से दिए गए ऋण का दुरुपयोग किया। जिससे बैंक ऑफ महाराष्ट्र गौतम नगर, भोपाल को 15.67 करोड़ रुपए का चूना लगा था।
पिछले साल कुर्क की थी 10 अचल संपत्तियां
इससे पहले, ईडी ने 30 मार्च 2024 के पीएओ के तहत अनंतिम रूप से अचल संपत्तियों को कुर्क किया था, जिसमें मध्य प्रदेश के सतना और सीहोर में स्थित 2.36 करोड़ रुपए की 10 अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया था। इसके बाद पीएओ को एलडी एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी, पीएमएलए, नई दिल्ली द्वारा 10 सितम्बर 2024 के आदेश के तहत पुष्टि की गई थी।
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