MP: आजीविका मिशन की प्रबंधक ने मांगी रिश्वत, शिकायत पर जिला पंचायत CEO ने 24 घंटे में जारी किए 2 आदेश
उमरिया । प्रदेश के उमरिया में आजीविका मिशन में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यहां खुले आम फोन पे के माध्यम से पैसा लिया जा रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब फोन पे का स्क्रीन शॉट वायरल हुआ।
आजीविका मिशन में पदस्थ मध्यप्रदेश ग्रामीण आजीविका मिशन की जिला प्रबंधक (सूक्ष्म वित्त) माधुरी शुक्ला ने बैंक सखी से ऑडिट कराने के नाम पर फोन पे के माध्यम से रिश्वत ली। बैंक सखी ने इसकी शिकायत डीपीएम और सीईओ जिला पंचायत से कर दी है। वहीं, जिस फोन पे नंबर पर पैसा डाला गया, उसका स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया में वायरल हो गया है।
पूरा मामला वर्षों से चल रहे लेने देन से जुड़ा हुआ है। यह खेल पूर्व डीपीएम प्रमोद शुक्ला के समय से चला आ रहा है, जो अभी तक अनवरत जारी है। मामला तब सामने आया जब बैंक सखियों ने अपनी व्यथा शिकायती पत्र में लिखी, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह पैसा आजीविका मिशन में नौकरी करने वाली कंचन गुप्ता के नाम से गया है, जो फिर बाद में आपस में बांट लिया जाता है। बैंक सखी द्वारा की गई शिकायत का यह पहला नमूना है।
सबसे खास बात यह है कि जिले में लगभग 45 से 50 FLRCP अर्थात फाइनेंशियल लिट्रेसी रिसोर्स पर्सन हैं, जिनको बिना कार्य के ही भुगतान कर दिया गया वह भी अधिया में। मानपुर जनपद पंचायत क्षेत्र में बहुत सी ऐसी हितग्राही हैं, जिनको पैसा देकर आधा वसूल लिया गया है।
इससे बड़ी बात यह है कि जिले में जो 45 से 50 बैंक सखी कार्य कर रही हैं, उनके पास किसी तरह का नियुक्ति पत्र नहीं है और न ही विधिवत उनकी नियुक्ति की गई है। बस सारा काम मिल बांट कर हो रहा है। जिसमें ‘जियो और जीने दो’ के सिद्धांत का पालन हो रहा है। बैंक सखियों के माध्यम से भी जम कर पैसा वसूला जा रहा है, जिसमें आरोप लगाया जा रहा है कि आधा माधुरी मैडम के पास आता है।