Nitin Gadkari ने कहा, डीपीआर बनाने वालों को पद्मश्री और पद्म भूषण मिलना चाहिए..
केंद्रीय मंत्री का तंज – इतने गंदे काम हो सकते हैं इंजीनियरिंग प्वाइंट ऑफ व्यू से…?

भोपाल। भोपाल के रवींद्र भवन में पीडब्ल्यूडी और इंडियन रोड कांग्रेस की सेमिनार हो रही है। केंद्रीय सडक़ एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यहां अपने संबोधन में इजीनियर्स से कहा कि विभाग का मंत्री होने के नाते अच्छे काम का क्रेडिट हमें मिलता है लेकिन जब सडक़ पर गड्ढे होते हैं तो डिसक्रेडिट भी मिलता है। सोशल मीडिया में लोग हमें ठोंकते हैं। आगे-पीछे कुछ नहीं देखते। गलत डीपीआर बनाने वालों पर तंज कसते हुए कहा कि एक-एक को पद्मश्री और पद्म भूषण मिलना चाहिए। इतने गंदे काम हो सकते हैं इंजीनियरिंग प्वाइंट ऑफ व्यू से। उन्होंने कहा कि गूगल पर बैठकर डीपीआर बनाते हैं, जबकि स्पाट पर जाना चाहिए।
गडकरी ने कहा कि बेंगलुरू से चेन्नई एक्सप्रेस वे हाईवे हेलिकॉप्टर से देख रहा था। तीन बड़े-बड़े टॉवर रोड पर दिखे। उसको उठाने के लिए तीन-चार सौ करोड़ खर्च कर रहे हैं। मेरे साथ मध्यप्रदेश के अच्छे अधिकारी थे। पांडे करके। मैंने कहा- पांडे जी, तुमने आईआईटी पास किया है ना। तुमको समझ में नहीं आता कि ये टॉवर थे रास्ता थोड़ा सरका देते तो ये चार सौ करोड़ काहे के लिए खर्च होता। बोले- साहब आप सही हैं। डीपीआर बनाने वालों की गलती है। ये डीपीआर वाले तो इतने महान लोग हैं कि एक-एक जन को पद्मश्री और पद्म विभूषण ही देना चाहिए। यानी कितने गंदे काम हो सकते हैं इंजीनियरिंग प्वाइंट ऑफ व्यू से।
एक ही जगह चार ब्रिज बना रहे हैं
उन्होंने सरकारी विभागों में तालमेल की कमी को लेकर भी तंज कसा। कहा कि हमारे रूल ऑफ बिजनेस में लिखा है- एक अधिकारी को दूसरे से बात नहीं करना। चर्चा नहीं करना। रेलवे अलग ब्रिज बना रहा है। हम अलग बना रहे हैं। तीसरा और चौथा कोई और बना रहा है। प्रधानमंत्री बोलते थे- ये साइरोल में चलता है।
सेमिनार में सडक़ और पुल निर्माण की नई तकनीक, सामग्री और एग्रीमेंट प्रोसेस से जुड़े पहलुओं पर एक्सपर्ट्स अपने अनुभव और सुझाव साझा कर रहे हैं। यहां एक प्रदर्शनी भी लगाई गई है, जिसमें सडक़ और पुल निर्माण में लगने वाली नई मशीनरी समेत अन्य सामग्री का प्रदर्शित की गई हैं। सेमिनार में विभिन्न तकनीकी-सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें देशभर से आए हुए विशेषज्ञ नई तकनीकों, निर्माण सामग्रियों और ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन) एग्रीमेंट प्रक्रिया की चुनौतियों पर अपने विचार रखेंगे।
कचरे का उपयोग सडक़ निर्माण में करें
गडकरी ने कहा- पूरे मध्य प्रदेश के नगर निगमों, नगरपालिका निगमों और पूरे देश में जो भी कचरा है, उसे उठाकर ठीक से सेग्रीगेट करें और उसका उपयोग सडक़ों के निर्माण में करें। इस प्रक्रिया से न केवल सडक़ों का निर्माण होगा, बल्कि यह इकोलॉजी और एनवायरमेंट को भी प्रोटेक्ट करेगा।
80 लाख टन कचरे का उपयोग सडक़ में किया
गडकरी ने कहा मेरी यह रिक्वेस्ट है कि सडक़ों के निर्माण के लिए एग्रीगेट (निर्माण सामग्री) उपलब्ध नहीं हो पा रहा है तो जिन शहरों में जितना कचरा है, उसे ठीक से सेग्रीगेट करें और सडक़ों के निर्माण में उसका उपयोग करें। अभी तक हमने 80 लाख टन कचरे का उपयोग सडक़ों में किया है। इससे दिल्ली में काजीपुर लैंडफिल साइट की ऊंचाई 7 मीटर तक कम हो गई है। दिल्ली-मुंबई हाइवे, चंडीगढ़, बाड़मेर, अहमदाबाद और अन्य जगहों पर भी कचरे का उपयोग सडक़ों के निर्माण में किया गया है।
क्वालिटी के साथ कंप्रोमाइज नहीं होना चाहिए
गडकरी ने सेमिनार में शामिल होने वाले इंजीनियर्स से कहा कि क्वालिटी के साथ किसी भी तरह का कंप्रोमाइज नहीं करना चाहिए।उन्होंने कहा कि जहां सडक़ बने वहां के लोगों को चिल्ला कर बताना चाहिए कि हमारे यहां की सडक़ खराब बन रही है। सोशल मीडिया से बताना चाहिए ताकि सच सामने आ सके। रोड एक्सीडेंट पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह ऐसे ब्लैक स्पॉट चिन्हित करें और एक्सीडेंट कम हों। उसके लिए तकनीक का इस्तेमाल कर उसे सही बनाएं।
बड़े तालाब के ऊपर से रो रोपेक्स टेक्निक से काम कराएं: गडकरी
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने मध्य प्रदेश सरकार को सुझाव दिया है कि बड़े तालाब के ऊपर से रो रोपेक्स टेक्निक से काम कराएं। इसमें 18 से 20 करोड़ का खर्च ज्यादा खर्च नहीं है। इसका काम आसानी से किया जा सकता है। इस तकनीक से कोचीन में काम हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसके पहले भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी बड़े तालाब की सुंदरता के मद्देनजर काम करने के सुझाव दे चुके हैं।
सेमिनार से विकास को नई गति मिलेगी: यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इस सेमिनार से मध्यप्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को नई गति मिलेगी और यह आयोजन राज्य की निर्माण परियोजनाओं को और सफल बनाने में सहायक होगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमने जितनी प्रगति की उससे अधिक प्रगति की संभावना बनी हुई है। यहां दो दिन तक चलने वाले मंथन से विकास कार्यों के बड़े रास्ते खुलेंगे। बने बने मार्ग को तो बेहतर करना ही है इसके अलावा अन्य तरीके से भी नए मार्गों के निर्माण में सरकार पीछे नहीं रहेगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गडकरी के सामने इंदौर- उज्जैन से जोडऩे वाले नेशनल हाईवे मार्गों की चर्चा भी संबोधन में की। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भोपाल आने के पहले भोपाल-कानपुर हाईवे की सौगात मध्य प्रदेश को दी है

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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