MP : प्रदेश के 15 निजी विश्वविद्यालयों के कुलगुरु हटाए जाएंगे…!

भोपाल। जल्द ही प्रदेश के 15 निजी विश्वविद्यालयों के कुलगुरु हटाए जाएंगे। इसके लिए मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने सरकार से अनुशंसा की है। एमपी के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
32 विवि(MP News) के कुलगुरु की नियुक्ति सवालों के घेरे में रही है। पिछले सत्र में भी मामला उठा था। इस सत्र में भी सवाल पूछा गया। आयोग द्वारा पहले सभी 32 कुलगुरुओं की नियुक्ति अवैध बताते हुए हटाने के लिए कहा गया। इस पर सरकार ने आयोग को फैसले का पुनरीक्षण करने का सुझाव दिया गया। इसके बाद आयोग ने 15 विवि के कुलगुरु को मान्यता दे दी।
दो विवि में नियमित कुलगुरु नियुक्त किए जा चुके हैं। शेष 15 में अभी भी पात्रता के विपरीत कुलगुरु पदस्थ हैं। मंत्री परमार ने कहा है कि जल्द ही 15 विवि के कुलगुरु भी हटाए जाएंगे। मंत्री ने स्वीकारा कि कुछ विश्वविद्यालयों में मानकों के विपरीत कुलगुरु पदस्थ हैं।
90 प्रतिशत कॉलेज प्रभारी के भरोसे
मध्य प्रदेश में वर्तमान में 536 सरकारी कॉलेज संचालित हैं, लेकिन इनमें से 95 प्रतिशत कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। अधिकांश कॉलेजों में प्रभारी प्राचार्य के माध्यम से कार्य संचालन हो रहा है। जिससे प्रशासनिक फैसलों में बाधा आ रही है। राज्य में कुल 98 स्नातकोत्तर कॉलेजों के लिए स्वीकृत पदों में से 87 पद रिक्त हैं। इसी तरहए 435 स्नातक कॉलेजों में से 422 कॉलेजों में स्थायी प्राचार्य नहीं हैं। प्राध्यापकों की स्थिति भी गंभीर है। राज्य में 704 प्राध्यापकों की सीधी भर्ती के पद स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से 457 पद खाली पड़े हैं। ऐसे में शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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