Vishleshan

MP: यमराज’ बने सरपंच और सचिव, कलेक्टर के पास पहुंची मृत महिला ने खोला कच्चा चिट्ठा…

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उमरिया। जिले में सरपंच और सचिव ‘यमराज’ की भूमिका को निभाते नजर आ रहे हैं। जिला प्रशासन इस मामले में चुप्पी साधे बैठा हुआ है। ‘कागजों में मृत’ एक महिला अपने जीवित होने की दुहाई दे रही है लेकिन उसकी शिकायत पर आज तक उसे मृत बताने वाले सरपंच और सचिव पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

जीवित महिला को मृत घोषित होने के बाद शासन के किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां तक कि जीवित महिला के नाम पर सरपंच सचिव मिल कर अंत्येष्टि सहायता और संबल योजना के अंतर्गत जो राशि मिलती है उसे भी हजम कर लिये हैं।

उमरिया जिले के मानपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम अमरपुर की रहने वाली कुसुमी बाई कोल कागजों में मृत घोषित हो गई हैं। उन्होंने बताया कि ‘सरपंच और सचिव ने हमको कागजों में मृत घोषित कर दिया है। उन्होंने हमारे अंत्येष्टि एवं संबल योजना में मिलने वाली राशि पर हाथ साफ कर लिया। इस बात की शिकायत जनसुनवाई में उमरिया कलेक्टर को की गई लेकिन अभी तक न कोई कार्रवाई हुई और न ही मैं जीवित हो पाई।’

कलेक्टर से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

कुसुमी बाई का कहना है कि ‘मैं अति गरीब हूं और झाड़ू बनाने का काम करती हूं। मैं कब मरी इसकी जानकारी मुझे अपनी बेटी की शादी के लगी, जब मैं पंचायत भवन पहुंची तो वहां पता चला कि मुझे मृत घोषित कर दिया गया है, तब मैं उमरिया कलेक्टर को यह शिकायत करने पहुंची।’

कलेक्टर बोले- सख्त कार्रवाई करेंगे

अब वहीं जब उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि हम इस मामले की जल्द से जल्द जांच कर दोषियों के प्रति कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेंगे।

आदिवासियों के अशिक्षित होने का फायदा उठाते हैं लोग

उमरिया जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है। यहां के आदिवासी समाज के लोग रोजी-रोटी के लिए कृषि एवं अन्य संसाधनों के माध्यम से पैसा कमा कर अपना जीवन यापन करते हैं। आदिवासियों के बीच में अशिक्षा एक बड़ा अभिशाप है। उसी का फायदा यहां के सरपंच-सचिव उठाकर इस तरह की हरकत करते हैं। अब देखना यह है कि जिला प्रशासन कब तक ठोस कार्रवाई कर कुसुमी बाई को जीवित घोषित कर पाता है।

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