MP: एक साल में तीन मुखिया बदल चुके PWD विभाग में, अब अतिरिक्त प्रभार

भोपाल। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के दिन शायद अच्छे नहीं चल रहे हैं। यही कारण है कि विभाग को ऐसा मुखिया नहीं मिल पा रहा है, जो थोड़ा टिक सके। एक साल में टीनू तीन प्रमुख सचिव स्तर के अफसर बदले जा चुके हैं। फिलहाल एसीएस नीरज मंडलोई को लोक निर्माण विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

13 दिसंबर को मोहन सरकार बनने के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग को 3 अलग-अलग मुखिया मिल चुके हैं। सरकार बनने के 48 दिन बाद ही लोकनिर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह को हटा दिया गया। इसके बाद विभाग की कमान डीपी आहूजा को दी गई। आहूजा 186 दिन (6 माह) तो उनके बाद आए के सी गुप्ता महज 128 दिन यानी 4 महीने ही इस पद पर रह पाए। पीडब्ल्यूडी का अतिरिक्त प्रभार एसीएस ऊर्जा नीरज मंडलोई को दिया गया है।

आहूजा का परफार्मेंस ठीक नहीं था
जनवरी में लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव बनाए गए 1996 बैच के आईएएस डीपी आहूजा को परफॉर्मेंस ठीक n होने के कारण हटा कर मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग का प्रमुख सचिव बना दिया गया था। बताया जा रहा है कि इंदौर में एक दो सौ पच्चीस करोड़ के घोटाले का मामला हाइकोर्ट चला गया था, उसमें प्रमुख सचिव को भी पार्टी बनाया गया था।

के सी गुप्ता भी नहीं जमे

लोक निर्माण विभाग में आहूजा की जगह के सी गुप्ता को पदस्न किया गया, लेकिन उनका भी परफॉर्मेंस सरकार को नहीं जमा। बरसों खत्म होने के दो माह बाद भी प्रदेश की सड़कों की ठीक से मरम्मत नहीं हो पाई है। उन्हें हटाए जाने में मुख्य सचिव की भूमिका बताई जाती है। सीएस को ढुलमुल रवैया कतई पसंद नहीं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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