MP: ये है पूर्व सीएम और वर्तमान केंद्रीय मंत्री शिवराज का गृह जिला… पानी ढोती और झाड़ू लगाती छात्राएं…!

सीहोर। जी हां, ये मध्य प्रदेश के सत्रह साल से ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री रहे  शिवराज सिंह चौहान ले गृह जिले सीहोर की तस्वीर है। शिवराज अभी केंद्र कृषि मंत्री हैं। लेकिन उनके जिले में ऐसे स्कूल भी हैं, जहां बच्चियों को पीने का पानी ढो कर लाना पड़ता है। झाड़ू भी लगाना पड़ती है।  शिवराज ने अपने कार्यकाल में एक्सीलेंस स्कूल खोले, सीएम राइज स्कूल खोले, तमाम दावे किए, लेकिन ये तस्वीरें हकीकत बयां कर रही हैं।

देश में शिक्षा का अधिकार कानून भले ही लागू हो गया हो, लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में इसका पालन नहीं किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा व्यवस्था का हाल बेहाल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रोज सुबह माता-पिता अपने बच्चों को तैयार करके पढ़ाई के लिए स्कूलों में भेजते हैं, ताकि उनके छोटे छोटे बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सके। लेकिन स्कूलों में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों को सबसे पहले स्कूलों में झाडू लगानी पड़ती है, तो कहीं पीने का पानी भर कर लाना पड़ता है। इसके बाद ही इन छात्र छात्राओं की पढ़ाई शुरू हो पाती है। इसमें सबसे खास बात यह है कि यह सब काम स्कूलों में शिक्षकों की मौजूदगी में होता है।

शिक्षा व्यवस्था की पोल खोलती  ऐसी ही दो तस्वीर सामने आई है। पहला मामला आष्टा विकासखंड के शासकीय प्राथमिक शाला झीकड़ी खुर्द का है। यहां पर दो शिक्षक पदस्थ है और 41 बच्चे दर्ज हैं। इस स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं को पीने के लिए पानी का कोई इंतजाम नहीं है। इसके चलते यहां पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चों को अपने से अधिक वजन का पानी का कैम्पर भरकर लाना पड़ता है। तब जाकर उन्हें पीने का पानी नसीब होता है। यहां बच्चों को रोज पानी भरना पड़ता है। इससे कपड़े भी गीले हो जाते हैं।  पानी के कैंपर में बहुत वजन रहता है इसलिए दो-दो बच्चे एक लकड़ी में लटका कर उसे उठाते हैं। स्कूल परिसर से दूर लगे हैंड पंप पर शिक्षक खुद बच्चों को पानी भरने के लिए भेजते हैं।

झाड़ू लगाते नजर आई बच्ची
कुछ इसी तरह का मामला शासकीय प्राथमिक शाला झांझनपुरा का है। यहां पर 18 बच्चे दर्ज और दो शिक्षक पदस्थ हैं। यहां पर भी पढ़ाई से पहले हर रोज छोटे-छोटे बच्चों को झाड़ू लगानी पड़ती है। इसके बाद ही इन बच्चों की पढ़ाई शुरू हो पाती है। झाड़ू लगाते समय बच्चों के कपड़े भी गंदे हो जातें हैं।  वहीं इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी संजय सिंह तोमर ने जांच कराए जाने की बात कही है।

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