MP: दलित महिला से मारपीट मामले को लेकर टीआई समेत छह निलंबित, भोपाल रेल DSP करेंगे जांच

कटनी। जीआरपी थाने में दलित महिला और नाबालिग के साथ मारपीट मामले में रेल एसपी सिमाला प्रसाद ने टीआई अरुणा वाहने समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि जांच हो रही है। जांच के बाद जो भी दोषी निकलेगा, उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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बुधवार देर शाम एक वीडियो सामने आया। इसमें कटनी जीआरपी में पुलिसकर्मी एक दलित महिला कुसुम वंशकार और 15 वर्षीय पोते को बुरी तरह पीटते नजर आ रहे हैं। मामला सामने आते ही कांग्रेस ने इसे लपक लिया और सरकार को घेरना शुरू कर दिया। मामले की समीक्षा करने कटनी पहुंची जबलपुर रेल एसपी सिमाला प्रसाद ने कहा कि जीआरपी टीआई अरुणा वाहने समेत छह को निलंबित किया है। मामले की जांच भोपाल रेल डीएसपी महेंद्र सिंह कुल्हड़ा को सौंपी गई है।

10 महीने पुराना वीडियो कैसे आया सामने?
सामने आया वीडियो अक्टूबर 2023 का है। रेल एसपी सिमाला प्रसाद ने कहा कि पुलिस फरार अपराधी दीपक वंशकार के परिजनों को पूछताछ के लिए थाने लाई थी। इसी दौरान यह घटना घटित हुई। मामले की जांच की जा रही है। यह भी देखा जा रहा है कि पुलिस थाने का वीडियो दस महीने बाद बाहर कैसे आया? इसकी भी जांच होगी।

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पानी मांगा तो मुंह पर लात मारी
दलित महिला कुसुम वंशकार ने वीडियो सामने आने के बाद कहा कि पुलिस ने हमें थाने बुलाया और बेटे के बारे में पूछताछ की। जब हमने कहा कि हमें नहीं पता, तो खिड़की और दरवाजे बंद कर प्लास्टिक वाले डंडे और लातों-जूते से मारा। पूरी रात मारे जब हम लेट जाएं तो फिर से उठा-उठाकर मारा। हम चिल्लाते रहे। किसी का दिल नहीं पसीजा। जब हमने पीने के लिए पानी मांगा तो मुंह पर लात मारी। पुलिस वाले तो यह भी बोले कि मर जाएगी। मैंने उनसे कहा कि मार ही डालो। हम सिविल अस्पताल में पांच दिन भर्ती रहे। कलेक्टर ऑफिस में आवेदन भी दिया था। कुछ नहीं हुआ।

बीजेपी दलित विरोधी: पटवारी

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने गुरुवार को कहा कि इस घटना से साफ है कि बीजेपी दलित विरोधी है। मुख्यमंत्री बीजेपी कार्यकर्ताओं को छूट देते हैं कि तुम दलितों के चेहरे पर पेशाब करो, उनको पेशाब पिलाओ। उनको उल्टा लटकाओ। घसीट-घसीटकर मारो। पुलिस को भी दलितों पर अत्याचार-अनाचार करने की छूट है। आरोपी टीआई पर एफआईआर क्यों नहीं की गई? पुलिस पर जिसने हमला किया, उनके मकान तोड़े गए। अब पुलिस ने दलितों पर अत्याचार किया, क्या उनका मकान तोड़ा जाएगा? उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि “अब तो खुद राष्ट्रपति जी ही महिला उत्पीड़न को लेकर चिंतित हैं। भाजपा सरकार को अब जाग जाना चाहिए! मप्र में दलित उत्पीड़न की बेलगाम घटनाओं पर अंकुश लगाना चाहिए!

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