MP: भिंड के पटवारी आशीष त्रिपाठी के फर्जीवाड़े, शिकायत की जांच में चौंकाने वाले खुलासे, प्रभारी तहसीलदार एमएल शर्मा को भूमिका संधिग्ध

भिंड। शिकायतकर्ता रामसेवक दत्तक पुत्र हरनारायण शर्मा निवासी सिमराव ने पटवारी आशीष त्रिपाठी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि पटवारी ने मिलीभगत से फर्जी एंट्री करके भूमि हड़पने और अवैध बंटवारे के जरिए राजस्व रिकॉर्ड में गड़बड़ी की। इस मामले में राजस्व मंत्री और कलेक्टर कार्यालय ने जांच के आदेश दिए हैं।
राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच पूरी कर ली गई है। संबंधित अधिकारियों को विस्तृत रिपोर्ट सौंप दी गई है, और दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी। पटवारी पर प्रमुख आरोप और जांच रिपोर्ट में जो बिंदु सामने आए हैं, उनमें शामिल है-
1. फर्जी नामांतरण और परिवार को नुकसान: शिकायतकर्ता का कहना है कि 1988 में खाता नंबर 47 में फर्जी फौती नामांतरण किया गया, जिससे उनके हिस्से में केवल 1/6 भूमि आई, जबकि उनके पिता की पूरी संपत्ति में उनका बड़ा हिस्सा था। पटवारी ने अपने परिवार के नाम पर भूमि दर्ज करा ली। जांच में पुष्टि हुई कि नामांतरण प्रक्रिया में अनियमितताएं थीं।
2. रकबे में हेरफेर: सर्वे नंबर 377 में शिकायतकर्ता के हिस्से की भूमि 2.70 हेक्टेयर से घटाकर 1.70 हेक्टेयर कर दी गई। 1.00 हेक्टेयर भूमि भगवान सिंह के नाम कर दी गई, जिसे बाद में पटवारी ने अपनी मां और मामी के नाम रजिस्ट्री कर दी।
3. अवैध बंटवारा और नक्शे में गड़बड़ी: बिना सक्षम अधिकारी के आदेश के, पटवारी ने नक्शे में बंटवारे की लाइनों को शामिल कर लिया। 2024 में पुराने आदेशों का हवाला देकर यह कार्रवाई की गई, जो राजस्व कानून का उल्लंघन है।
प्रभारी तहसीदार की भूमिका संदिग्ध
प्रभारी तहसीलदार जिनका मूल पद सहायक भू लेख अधीक्षक है लेकिन वर्तमान में तहसीलदार के पद पर पदस्थ है उन्होंने बिना किसी वैधानिक आदेश के आशीष पटवारी को लाभ पहुंचाने के नीयत से बटवारा की लाइन नक्शे में।डाली जो जांच में स्पष्ट हो चुका है।
यही नहीं एम एल शर्मा की पूर्व से कार्य प्रणाली  संदिग्ध रही है ऐसा एक मामला ओर संज्ञान में आया को भिंड सर्किट हाउस से लगी जमीन विवाद में पूर्व से विक्रय से प्रतिबंधित जमीन को विक्रय से प्रतिबंध से मुक्त करते हुए उस पर बढ़ा घोल मॉल के पुन: विक्रय से प्रतिबंध की इसकी इसी कार्यप्रणाली से शहर के दो पटवारी आज भी सजा काट रहे है ऐसे बड़े महाशय की कार्यप्रणी से जिलाधीश बाकीब है पर इनके खिलाफ कोई कार्यवाही करने में उनकी कलम क्यों नहीं चलती यह भी एक चर्चा का विषय है। मजे की बात यह है  पटवारी आशीष त्रिपाठी को पूरा संरक्षण मिला हुआ है, जिसकी वजह से किसानों को न्याय मिलना मुश्किल हो गया है
जांच निष्कर्ष-
तत्कालीन पटवारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
राजस्व निरीक्षक की जांच रिपोर्ट में अनियमितताओं की पुष्टि हुई।
शिकायतकर्ता को नुकसान पहुंचाने के लिए जानबूझकर रिकॉर्ड में छेड़छाड़ की गई।
कलेक्टर कार्यालय ने मामले में स्नढ्ढक्र दर्ज करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
शिकायतकर्ता की मांग-
रामसेवक शर्मा ने एक आवेदन भिंड जिले प्रभारी मंत्र एवं विभागीय मंत्री को देकर बिना किसी वैधानिक आदेश के बंटवारे की लाइन डलवाने वाले एएसएलआर एमएल शर्मा जो प्रभारी तहसीलदार हैं, उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करते हुए तत्काल तहसीलदार के प्रभार से हटाने की ओर उनके खिलाफ कार्यवाही की जाने का निवेदन किया है। साथ ही पटवारी और अन्य संबंधित व्यक्तियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने भूमि वापस दिलाने और राजस्व रिकॉर्ड को सही कराने की गुहार लगाई है।

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Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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