MP: राजौरा या एसएन मिश्रा… कौन बनेगा नया मुख्य सचिव? वीरा राणा को नहीं मिलेगा एक्सटेंशन

भोपाल। प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा को दूसरी बार एक्सटेंशन देने के लिए सरकार ने केंद्र को कोई पत्र नहीं लिखा है। इसलिए अब नए मुख्य सचिव को लेकर कवायद तेज हो गई है। अनुराग जैन की तरफ से कोई सहमति नई मिली है, अब दो नामों पर मामला केंद्रित होते दिख रहा है। माना जा रहा है कि मप्र का अगला मुख्य सचिव, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और एसएन मिश्रा में से कोई एक बनेगा।

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के हफ्ते भर बाद ही 1990 बैच के IAS अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा की मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव के तौर पर नियुक्ति की गई थी। इसके बाद ये संकेत मिल गए थे कि वे मप्र के अगले मुख्य सचिव के लिए प्रबल दावेदार हैं।

राजौरा अपर मुख्य सचिव स्तर के पहले अफसर हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ किया गया है। हालांकि वे नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, नर्मदा घाटी विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, एनबीपीसीएल के प्रबंध संचालक और जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव (अतिरिक्त प्रभार) भी हैं।
डॉ. राजौरा पहली पसंद ?

मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि डॉ. राजौरा को अगले दो महीने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में पदस्थ किया गया है, ताकि वे सरकार की प्राथमिकताओं से जुड़े फैसलों को लेकर सभी विभागों से समन्वय बना सकें। सूत्र ये भी कहते हैं कि छह महीने में डॉ. राजौरा का सीएम डॉ. मोहन यादव के साथ प्रशासनिक तालमेल बेहतर बना है।

मुख्यमंत्री ने जब अपर मुख्य सचिवों के बीच संभागों का बंटवारा किया था, तब डॉ. राजौरा को उज्जैन संभाग की जिम्मेदारी सौंपी थी। उज्जैन में 2028 में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होना है। जिसकी तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है। 2004 में हुए सिंहस्थ के दौरान डॉ. राजौरा उज्जैन कलेक्टर थे।

बता दें कि मुख्य सचिव के रिटायरमेंट से पहले नए मुख्य सचिव को मंत्रालय में ओएसडी बनाया जाता रहा है। संभावना है कि 25 सितंबर तक नए मुख्य सचिव को ओएसडी बनाने का आदेश जारी होगा।
एसएन मिश्रा का दावा

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव एसएन मिश्रा भी 1990 बैच के अफसर हैं। उनके पास परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी है। जब डॉ. राजौरा एसीएस गृह थे, तब उनके पास भी परिवहन विभाग था। मिश्रा गृह विभाग के प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं।

डॉ. राजौरा से पहले मिश्रा भी नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, नर्मदा घाटी विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव, एनबीपीसीएल के प्रबंध संचालक और जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव का दायित्व निभा चुके हैं।खनिज और नगरीय विकास एवं आवास जैसे बड़े विभागों की कमान भी मिश्रा संभाल चुके हैं।

खास बात यह है कि दोनों ही अफसर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में कभी पदस्थ नहीं रहे। एस एन मिश्रा 30 जनवरी 2025 को रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में सरकार भी नहीं चाहेगी कि चार महीने बाद ही उसे नए मुख्य सचिव की नियुक्ति की कवायद करनी पड़े। हालांकि, आखिर में फैसला मुख्यमंत्री को लेना है।
डॉ. राजौरा सीएस बने तो 4 अफसर होंगे सुपरसीड

डॉ. राजौरा मुख्य सचिव बने तो उनसे सीनियर चार अफसरों को सुपरसीड (किसी और की जगह लेना या हटा देना) किया जाएगा। इनमें से एक 1989 बैच के अनुराग जैन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में पदस्थ हैं। जबकि एमपी में पदस्थ 1989 बैच के कृषि उत्पादन आयुक्त मोहम्मद सुलेमान, प्रशासन अकादमी के डीजी जेएन कंसोटिया और ट्राइबल रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यृूट (टीआरआई) के डायरेक्टर विनोद कुमार सुपरसीड होंगे।

छह अफसरों को सुपरसीड कर CS बने थे बैस

मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद जैसे ही शिवराज सिंह चौहान सीएम बने तो तत्कालीन मुख्य सचिव एम.गोपाल रेड्‌डी को हटाकर इकबाल सिंह बैस को चीफ सेक्रेटरी बनाया गया। बैस को मुख्य सचिव बनाने के लिए 1984 बैच के अधिकारी एपी श्रीवास्तव और पीसी मीना, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ जयदीप गोविंद, राधेश्याम जुलानिया, दीपक खांडेकर और 1985 बैच के अफसर प्रभांशु कमल को सुपरसीड किया गया था।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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