MP : अफसर कर रहे जमीनों की हेराफेरी, बीजेपी विधायक का बड़ा आरोप

भोपाल। एमपी के अफसरों पर गंभीर आरोप लगा है। उनपर सिंहस्थ की जमीन की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है। बीजेपी के एक विधायक ने यह बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सिंहस्थ की जमीन पर माफिया की नजर है और इस षड्यंत्र में अफसर भी शामिल हैं। बीजेपी के विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय ने इस मुद्दे पर सदन में अपनी ही सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ तंबू में ही होता आया है, वहीं अच्छा भी लगता है। पर अब सिंहस्थ जमीनों पर प्रयोग हो रहे हैं। विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय ने कहा कि इसके लिए किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है। यह कुछ कालोनाइजरों और माफिया का षड्यंत्र है, जिसमें अफसर भी साथ दे रहे।

आलोट से भाजपा विधायक डॉ. चिंतामणि मालवीय ने सिंहस्थ की जमीनों से जुड़े मामलों में अपनी ही सरकार को घेर दिया। आरोप लगाए कि उज्जैन के किसान डरे हुए हैं, उन्हें स्प्रिचुअल सिटी के नाम पर जमीन के स्थाई अधिग्रहण के नोटिस बांटे जा रहे हैं।
ऐसा पहली बार हो रहा है जब सिंहस्थ से पहले किसानों की जमीन का स्थायी अधिग्रहण हो रहा है, पूर्व में अस्थायी अधिग्रहण होता था। यह कुछ कालोनाइजरों और माफिया का षड्यंत्र है, जिसमें अफसर भी साथ दे रहे।

चिंतामणि पिछले सत्र में भी उज्जैन की जमीनों को खुर्दबुर्द करने के आरोप लगा चुके हैं। इन आरोपों पर कांग्रेस के तराना विधायक महेश परमार सहित अन्य ने उनका समर्थन कर दिया। परमार बोले कि मैंने भी यही मुद्दा उठाया था, किसानों की लड़ाई मिलकर लड़ेंगे, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें शांत कराया।
मंत्री का आश्वासन ही अधूरा
उज्जैन में जमीन से जुड़े विवाद नए नहीं हैं। पिछले सत्र में घट्टिया से भाजपा विधायक सतीश मालवीय ने 1.64 हेक्टेयर जमीन की हेराफेरी का मुद्दा उठाया था। आरोप लगाए थे कि उज्जैन में यातायात नगर के लिए आरक्षित कमेड़ में सर्वे नंबर 442 व 449 की जमीन यातायात नगर के लिए आरक्षित थी, जिसे एक प्रभावशाली व्यक्ति को आवंटित कर दी। उसका उपयोग भी अवैध तरीके से बदला गया। तब विधायक ने दस्तावेज लहराए थे जिस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जांच कराने का आश्वासन दिया था जो पूरा नहीं हुआ।

सत्ता-संगठन ने दी थी नसीहत, पर काम नहीं आई
विस सत्र के पूर्व सत्ता व संगठन की ओर से भाजपा के विधायकों को नसीहतें दी गई थीं। उनसे कहा गया था कि सरकार को घेरने वाली बातों से बचना है। कई विधायकों ने तो इसका पालन किया लेकिन डॉ. चिंतामणि मालवीय आगे निकल गए जिस पर कांग्रेस को बोलने का मौका मिल गया। डॉ. मालवीय उज्जैन लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं, इसके नाते किसान उनके संपर्क में है।
जमीनों की हेराफेरी में अफसरों के नाम
डॉ. चिंतामणि मालवीय ने कहा, सिंहस्थ तंबू में ही होता आया है, वहीं अच्छा भी लगता है। पर अब सिंहस्थ जमीनों पर प्रयोग हो रहे हैं। इसमें कई अफसर शामिल हो सकते हैं। बता दें, बीते सत्र में विधायक सतीश मालवीय ने जमीनों से जुड़े मामलों में संगीन आरोप लगाए। तब मंत्री कैलाश विजयवर्गीय उन्हें समझाइश दे रहे थे, जिस पर विधायक ने कहा था कि अफसर आपको भ्रमित कर रहे हैं और वही जवाब आप विधानसभा में दे रहे।

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