ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी द्वारा प्राइवेट कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने में भ्रष्टाचार को लेकर धरना प्रदर्शन के बाद मंगलवार को एनएसयूआई के छात्र नेता भूख हड़ताल पर बैठ गए थे। मंगलवार को भी इनको जबरन हटाने का प्रयास कियास था। पर बुधवार रात भूख हड़ताल पर बैठे छह छात्र नेताओं में से चार की हालत बिगड़ गई। बुधवार रात एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष युवराज पवैया बेहोश होकर गिर पड़े थे। मौका की तलाश में बैठी पुलिस और प्रशासन की टीम डॉक्टरों को लेकर पहुंची और छात्र नेता युवरात सहित चार छात्र नेताओं को एम्बुलेंस में लेकर मुरार अस्पताल पहुंची है। जिसमें युवरात को भर्ती किया गया है। जबकि छात्र नेता जिलाध्यक्ष पवन कुमार शर्मा और राहुल मावई अभी भी आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं।
ग्वालियर में हृस्ढ्ढ के छात्र नेता लगातार जीवाजी यूनिवर्सिटी द्वारा प्राइवेट कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने में भ्रष्टाचार को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आए दिन विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किए जा रहे थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा कोई उचित जवाब नहीं दिया जा रहा था। जिस कारण मंगलवार से हृस्ढ्ढ के छात्र नेता जिलाध्यक्ष पवन शर्मा, जिला उपाध्यक्ष युवराज पवैया अपने पांच अन्य साथियों सैंकी, कृष्णा, अंकित, पवन व राहुल मावई के साथ आमरण अनशन (भूख हड़ताल) पर बैठ गए थे। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन द्वारा थाने को शिकायत भेजी गई तो पुलिस विश्वविद्यालय आई और छात्रों को टेंट हटाने के लिए कहा। इसी बीच कांग्रेस नेता सुनील शर्मा पहुंचे तो रजिस्ट्रार से उनकी बातचीत हुई। इसके बाद पुलिस लौट गई थी। मंगलवार शाम को पुलिस इक_ा होना शुरू हुई तो छात्र नेताओं को इसकी भनक लग गई। उन्होंने आनन-फानन में सुंदर कांड का पाठ शुरू करवा दिया। इससे पुलिस के कदम ठिठक गए। सुंदर कांड समाप्त होने के बाद छात्र नेताओं ने रात 9 बजे रामधुन शुरू कर दी। जिसके बाद पुलिस उनको नहीं हटा सकी थी। बेहोश हुए छात्र नेता युवराज पवैया को तत्काल मुरार स्थित हॉस्पिटल पहुंचाया है। अभी पुलिस उसके लेकर पहुंची ही थी कि पता लगा कि अनशन पर बैठे पांच में से तीन और छात्रों सैंकी, कृष्णा व अमित उर्फ अंकित की भी तबीयत बिगड़ी है। इसके बाद उनको भी पुलिस और प्रशासन लेकर अस्पताल पहुंचे हैं। अब दो छात्र पवन और राहुल मावई धरना व अनशन पर बैठे हुए हैं।