MP: प्रदेश की कोई पंचायत भवन विहीन नहीं रहेगी: प्रहलाद पटेल

सरपंचों के अधिकार और फंड बढ़ाए गए, ई पंचायतों पर।काम शुरू, श्रमिकों के लिए भी कई सौगातें

भोपाल। प्रदेश के पंचायत ग्रामीण विकास विभाग एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि ढाई साल में राज्यंकी सभी पंचायतों में पंचायत भवन बनाने का लक्ष्य रखा गया है। और ये भवन ई पंचायत के लिए हों, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही सरपंचों को न केवल सचिव और रोजगार सहायकों की सी आर लिखने की व्यवस्था की गई है, अपितु उनका फंड भी पंद्रह से बढ़ाकर पच्चीस लाख कर दिया गया है। श्रमोदय विद्यालय की संख्या बढ़ाई जा रही है और श्रमिक कल्याण के क्षेत्र भी कई कदम उठाए जा रहे हैं।सरपंचों के प्रति अविश्वास प्रस्ताव तीन चौथाई बहुमत से पास करने एवं तीन वर्ष पश्चात अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान नगरीय निकायों की तरह पंचायत में भी लागू करने की प्रक्रिया चल रही है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास, श्रम मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने विभाग में किये जा रहे कल्याणकारी कार्यों की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश की शत-प्रतिशत पंचायतों में पंचायत भवन बनाये जायेंगे। पंचायत भवन विहीन 1400 ग्राम पंचायतों के लिये पंचायत भवनों की स्वीकृति प्रथम चरण में जारी की जा रही है। साथ ही स्थानीय ग्रामीण समुदाय के लिये सामुदायिक भवनों का निर्माण भी चरणबद्ध किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना में श्रम सामग्री का अनुपात अभी तक जिला स्तर पर संधारित होता था। अब इसको जनपद स्तर पर संधारित किया जाएगा। 25 लाख तक के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने के अधिकार सरपंचों को दिए गए हैं। तकनीकी स्वीकृति के लिये सहायक यंत्री को अधिकृत किया गया है।

श्री पटेल ने बताया कि सहायक यंत्री को तकनीकी स्वीकृति जारी करने के अधिकार की सीमा 15 लाख रूपये से बढ़कर 25 लाख की गई है। महात्मा गांधी नरेगा योजना अंतर्गत कपिलधारा की इकाई लागत राशि तथा पेयजल के लिये बनाने वाले सामुदायिक कूप की लागत राशि में अंतर है। इसको युक्ति युक्त करने का अनुरोध किया गया है, इस पर विचार किया जाएगा। पंचायत राज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 का दुरुपयोग सरपंच के विरुद्ध ना हो इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे। सीएम हेल्पलाइन 181 पर झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले तथा आदतन शिकायतकर्ता के संबंध में आवश्यक कार्रवाई के लिये लोक सेवा प्रबंधन विभाग से संवाद हुआ है।

श्री पटेल ने कहा कि सरपंचों के प्रति अविश्वास प्रस्ताव तीन चौथाई बहुमत से पास करने एवं तीन वर्ष पश्चात अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान नगरीय निकायों की तरह पंचायत में भी किए जाने का अनुरोध किया गया है, जिसे स्वीकार किया है। रोजगार सहायक एवं सचिव की एसीआर लिखने का अधिकार सरपंच को दिये गये है। जिसमें ग्राम रोजगार सहायक के मूल्यांकन प्रपत्र का स्वीकारकर्ता सरपंच को बनाया गया है। पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 22 के अंतर्गत सरपंचों को जनपद पंचायत में रोस्टर के हिसाब से 20% प्रतिवर्ष बुलाए जाने के प्रावधान का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है।

श्रम विभाग को लेकर उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश श्रम कल्याण मण्डल द्वारा प्रदेश में उज्जैन, पीथमपुर, भोपाल, जबलपुर एवं सतना में 05 आदर्श श्रम केन्द्र के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया गया है। श्रमोदय आदर्श आई टी आई-मुगालिया छाप में संचालित ट्रेड सिविल इंजीनियरिंग असिस्टेंट, टैकनीशियन मैकाट्रोनिक्स, एडवांस सीएनसी मशीनिंग टेक्नीशियन केवल प्रदेश में श्रमोदय आईटीआई में ही संचालित है, यह विशेष उपलब्धि है।

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श्री पटेल ने बताया कि श्रमिक ग्रामीण आवास हेतु अनुदान योजना 2024 शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत ऐसे पंजीकृत निर्माण श्रमिक जिन्हें “प्रधानमंत्री आवास योजना” (ग्रामीण) अंतर्गत आवास आवंटित होगा, उन्हें मंडल की ओर से 50,000 रूपये की अनुदान राशि का लाभ प्रदाय किया जावेगा। “औजार/उपकरण खरीदी हेतु अनुदान योजना” 2024 शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत ऐसे पंजीकृत निर्माण श्रमिक द्वारा औजार/उपकरण की खरीदी करने पर मंडल की ओर से 10,000 रूपये तक की अनुदान राशि का लाभ प्रदाय किया जायेगा।

श्री पटेल ने बताया कि मण्डल के प्रचलित अभिदाय दरों में 11 वर्ष पश्चात् वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है, जिसमें नियोजक का अभिदाय 30 रु. के स्थान पर 50 रु. प्रति छः माह एवं नियोजक का न्यनतम् अभिदाय 1500 के स्थान पर 2500 रु. प्रति छः माह वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। मण्डल दुद्वारा वर्तमान में संभागीय श्रमिक खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें इन्दौर की प्रतियोगिता 08 अक्टूबर को संपन्न हो चुकी है एवं 18 अक्टूबर को उज्जैन में प्रतियोगिता संपन्न हो रही है। शेष संभागों में भी निर्धारित तिथि पर प्रतियोगिताएँ आयोजित की जायेंगी।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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