भोपाल। डॉ. मोहन सरकार में खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गुरुवार को भोपाल में यह बात कहीं। वे भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन हॉल में मंथन-2024 में हिस्सा लेने पहुंचे थे। आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा मामले के बहाने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंत्री राजपूत पर आरोप भी लगाए थे। इन्हीं आरोपों पर गुरुवार को मंत्री राजपूत ने खुलकर जवाब दिया।
मंत्री राजपूत ने कहा, दिग्विजय सिंह जी की पत्रकारवार्ता को कोई गंभीरता से नहीं लेता। प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब के वन मंत्री और वर्तमान के विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह पर क्या कहा था, ये यू-ट्यूब पर सर्च करके देखा जा सकता। जांच एजेंसी स्वतंत्र है। वह अपना काम कर रही है। एजेसियां किसी के अधीन नहीं होती। दिग्विजय सिंह की बात का जवाब दे दिया है। अब ‘नो कमेंट्स’…।
पूर्व सीएम ने कहा था- गोविंद राजपूत को परिवहन विभाग देने का दबाव था
भोपाल में आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के यहां हुई छापेमारी में मिले कैश, गोल्ड और अन्य संपत्तियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। वहीं, इस केस से लोकायुक्त को हटाए जाने की मांग की थी। साथ ही कहा था कि कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन और राजस्व विभाग देने का दबाव था। इन विभागों को लेकर इतना दबाव क्यों बनाया गया था, यह तो सिंधिया जी ही बता सकते हैं।
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि जब कमलनाथ की सरकार बनी थी, तब उन पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरफ से दबाव था कि परिवहन और राजस्व विभाग गोविंद सिंह राजपूत को दिया जाए। इसके बाद हमारी सरकार ने एक बोर्ड का गठन किया था, जो यह फैसला करता था कि कहां किसकी पोस्टिंग होगी। मुझे जानकारी है कि जब शिवराज सिंह चौहान फिर से मुख्यमंत्री बने तो सिंधिया जी ने दबाव डालकर बोर्ड भंग करवा दिया। परिवहन विभाग गोविंद सिंह राजपूत को फिर सौंप दिया गया। इसके बाद एक नई प्रक्रिया शुरू हो गई। वसूली करने वाले व्यक्ति यानी कटर की नियुक्ति होने लगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने सौरभ शर्मा को कटर बताते हुए कहा था कि वह टोल नाकों पर वसूली करता था।