MP IAS: इच्छित गढ़पाले ने तबादले के बाद नहीं छोड़ा बंगला, लगा जुर्माना

भोपाल। आईएएस अधिकारी इच्छित गढ़पाले ने तबादले के बाद शहर तो बदल लिया, लेकिन पुराने बंगले को अभी भी खाली नहीं किया। उन्होंने ट्रांसफर के बाद भी बंगले को खाली करने के मन नहीं मनाया… नतीजतन, सरकार को उन पर आखिरकार एक्शन लेना पड़ा। अब सरकार उनसे हर महीने के हिसाब से किराया वसूलने की तैयारी में है। करीब साढ़े छह लाख रुपए का बकाया पहले ही उन पर है। अब इन अधिकारी को हर महीने 30 हजार रुपए का किराया भी देना होगा।
जानकारी के मुताबिक मुरैना के जिला पंचायत सीईओ डॉ. इच्छित गढ़पाले कुछ समय पहले ग्वालियर में अपर कलेक्टर थे। गढ़पाले ने अपना तबादला होने के बाद शहर बदल दिया, लेकिन तबदाला होने के 22 महीने बाद भी उन्होंने यहां पर मिले बंगले को खाली नहीं किया है। इस वजह से उनपर अब एक्शन लिया गया है। ग्वालियर पीडब्ल्यूडी विभाग ने उन पर 6 लाख 60 हजार रुपए की वसूली का नोटिस जारी किया है।

दरअसल ग्वालियर लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री ओमहरी शर्मा ने मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने पत्र में लिखा- डॉ. गढ़पाले 2 नवंबर 2022 को मुरैना के लिए कार्यमुक्त हो गए थे, लेकिन ग्वालियर के आरसी रोड स्थित बंगला क्रमांक 31 को अब तक खाली नहीं किया है।
बंगला खाली न करने के एवज में डॉ. गढ़पाले पर 30 हजार रुपए प्रति माह के हिसाब से 6.60 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। पीडब्ल्यूडी विभाग ने मुरैना कलेक्टर से अनुरोध किया है कि वे डॉ. गढ़पाले को बंगला खाली करने के निर्देश दें और 6.60 लाख रुपए की वसली का वाउचर कार्यालय को भेजें।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

Related Articles