MP : हाईकोर्ट का निर्देश, कटनी में करोड़ों की जमीन फर्जीवाड़े की प्रमुख सचिव करें जांच

कटनी. कटनी शहर में करोड़ों रुपए के हुए जमीन फर्जीवाड़े की जांच प्रमुख सचिव नगरीय विकास विभाग को सौंपी गई है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने छह सप्ताह में जांच पूरी कर याचिकाकर्ता को उसकी वस्तुस्थिति से अवगत कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही याचिकाकर्ता को स्वतंत्रता दी है कि जांच से संतुष्ट नहीं होने पर मामले को उचित फोरम में फिर से उठा सकते हैं। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने याचिका का निराकरण कर दिया।
मामला तत्कालीन सुधार न्यास कटनी (अब नगरनिगम) द्वारा अधिग्रहीत करीब 100 एकड़ बेशकीमती जमीन के फर्जीवाड़े और गलत तरीके से हड़पने से जुड़ा हुआ है। नगरनिगम कटनी के पूर्व अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी, राजनीतिक दखलांदाजी सहित फर्जीवाड़े का मुद्दा उठाया था। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सिद्धार्थ गुलाटी व तुलिका गुलाटी ने बताया कि नगर सुधार न्यास कटनी (वर्तमान नगर पालिक निगम कटनी) द्वारा पूर्व में आम जनता को रियायती दरों पर आवासीय भू-खण्ड उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से बनाई गईं कटनी नगर की सभी आवासीय व व्यवसायिक योजनाओं की भूमियां को व्यापक भ्रष्टाचार कर खुर्द-बुर्द किय गया। इससे शासन को हजारों करोड़ रुपयों की आर्थिक क्षति पंहुचाई गई है। याचिका में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा राजनीतिक व्यक्तियों एवं भू-माफियों से सांठगांठ करने, भ्रष्टाचार कर निजी व्यक्तियों को हजारों करोड़ रुपए का अवैध लाभ पहुंचाया गया। इससे शासन को हजारों करोड़ रुपयों की आर्थिक क्षति पंहुचाई गई है।
यह हुआ है खेल
जमीन 1.26 हेक्टेयर बरगवां ग्राम की भूमि यश लॉजिस्टक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर खरीदी गई तो 7.325 हेक्टेयर अतिशा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट के नाम खरीदी। जमीन की मौजूदा कीमत लगभग 200 करोड़ रुपए बाताई जा रही है।
याचिका में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा राजनीतिक व्यक्तियों एवं भू-माफियों से सांठगांठ करने, भ्रष्टाचार कर निजी व्यक्तियों को हजारों करोड़ रुपए का अवैध लाभ पहुंचाया गया। याचिका में उच्च स्तरीय जांच दल गठित कर आधुनिक पद्धति (रोवर मशीन) से सीमांकन करवाकर भूमि सुरक्षित कराए जाने की मांग की है। इसके साथ योजनाओं में आवंटित प्लॉट धारकों को उनके प्लॉटों का भौतिक कब्जा दिलाने, योजना की भूमियों को खुर्द-बुर्द करने में शामिल दोषियों के विरुद्व एवं शासकीय भूमि को अवैधानिक रूप से कब्जा किए जाने के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गई थी।
गरीबों के प्लाट हड़पे
याचिका में बताया गया कि झिझरी में नगर सुधार न्यास (वर्तमान नगरनिगम) की योजना क्रमांक 15 की 8.253 हेक्टेयर जमीन पर 1987 में शहरवासियों को रियायती दरों पर आवास व प्लाट उपलब्ध कराने योजना बनी। भूस्वामियों को आंशिक रूप से मुआवजा का भुगतान भी कर दिया, लेकिन इसके बाद यह योजना सुस्त हो गई। 2011 में भूमि पर अपना नाम दर्ज कराने नगरनिगम ने आवेदन किया तो आवेदन निरस्त हो गया। इसके बाद एसडीएम के यहां भी अपील हुई, लेकिन आवेदन निरस्त हो गया।
कमिश्नर के यहां हुई अपील में कमिश्नर ने एसडीएम को निराकरण करने के आदेश दिए, लेकिन यहां भी आवेदन निरस्त हो गया। भाजपा विधायक संजय पाठक ने पूर्व भूस्वामियों से साजिश कर यह जमीन खरीद ली और प्रशासन पर दबाव बनाकर नगरनिगम के पक्ष में नामांतरण नहीं होने दिया।
यह हुआ है खेल
जमीन 1.26 हेक्टेयर बरगवां ग्राम की भूमि यश लॉजिस्टक प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर खरीदी गई तो 7.325 हेक्टेयर अतिशा कंस्ट्रक्शन प्राइवेट के नाम खरीदी। जमीन की मौजूदा कीमत लगभग 200 करोड़ रुपए बाताई जा रही है।

