भोपाल। कर्ज में गले गले तक डूबी मध्य प्रदेश सरकार अगले हफ्ते 5 हजार करोड़ रुपये का एक और कर्ज लेगी, जो इस वित्तीय वर्ष का तीसरा कर्ज होगा। इसके साथ ही अगस्त 2024 से लिए गए कर्ज की कुल राशि बढ़कर 15,000 करोड़ रुपये हो जाएगी। 31 मार्च 2024 को मध्य प्रदेश सरकार पर कुल कर्ज 3.75 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा था। नए कर्ज के साथ यह 3.9 लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा। साफ है कि सरकार वित्तीय प्रबंधन में पूरी तरह से फेल हो गई है। लाडली बहना योजना के कारण कई योजनाओं का पैसा अभी भी रिलीज नही हो पा रहा है।
125 योजनाओं के लिए जरुरी कर दी थी परमिशन
राज्य का बजट आने के बाद पिछले महीने वित्त विभाग ने निर्देश दिया था कि उसकी अनुमति के बिना 125 योजनाओं का पैसा नहीं निकाला जा सकेगा। सरकार की प्रमुख वित्तीय जिम्मेदारियों में लाडली बहना योजना है, जिसके लिए हर महीने लगभग 1,600 करोड़ रुपये की जरूरत है।
लाडली बहना योजना पर सबसे ज्यादा खर्च
यह योजना पिछले साल विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई थी और इसे बीजेपी के लिए गेम चेंजर बताया गया था। इस योजना के लिए अभी तक धन की कोई बाधा नहीं है। वित्तीय संकट के बावजूद, सरकार मंत्रियों के लिए सरकारी विमान, नई कारें खरीदने और मंत्रियों के बंगलों के नवीनीकरण में संकोच नहीं कर रही थी।
जेट विमान खरीदने की अनुमति
राज्य का बजट पेश करने के एक हफ्ते बाद 10 जुलाई को, एमपी सरकार ने 230 करोड़ रुपये से अधिक के जेट विमान खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्रियों के बंगलों के रेनोवेशन पर 18 करोड़ रुपये से कम खर्च नहीं हो रहे हैं। मई में, सरकार ने मंत्रियों के लिए लगभग 5 करोड़ रुपये की एसयूवी खरीदने का ऑर्डर दिया।
केंद्र सरकार की सहमति से मिलता है लोन
अधिकारियों ने बताया कि हर लोन के लिए केंद्र सरकार की सहमति ली जाती है। वित्तीय स्थिति के आधार पर कोई राज्य किस सीमा तक ऋण ले सकता है, इसकी एक सीमा थी। सरकार द्वारा लिए गए ऋण का उपयोग राज्य में लागू किए जाने वाले उत्पादक विकास कार्यक्रमों और परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाता है। यह मुख्य रूप से विकास योजनाओं की लागत वहन करती है।