MP Education: भोपाल सहित 38 जिलों के 355 स्कूलों में बच्चे नहीं..!

भोपाल। राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के 38 जिलों में 355 ऐसे स्कूल हैं, जिनमें शिक्षक तो पदस्थ हैं पर बच्चे नहीं हैं। अब ऐसे स्कूलों के शिक्षकों को दूसरे ऐसे स्कूलों में भेजा जा रहा है, जहां छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की कमी है। इसके लिए संबंधित जिलों में इन शिक्षकों की काउंसिलिंग गुरुवार को की जा रही है। संचालक लोक शिक्षण ने यह निर्देश दिए हैं और शिक्षकों को आगाह भी किया है कि काउंसिलिंग में शामिल नहीं होंगे तो प्रशासनिक आधार पर तबादला कर दिया जाएगा।

संबंधित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वे प्रारंभिक काउंसिलिंग कर लें। इसमें एकत्रित जानकारी के अनुसार दोपहर 12 बजे राज्य स्तर से जिलेवार काउंसिलिंग प्रारंभ होगी, जिसमें च्वाइस फिलिंग के आधार पर शिक्षकों को अन्य स्कूलों में भेजा जाएगा।

भोपाल में बैरसिया विकासखंड के प्राइमरी स्कूल खूजाखेड़ी, प्राइमरी स्कूल रतनपुर सड़क, फंदा विकास खंड के प्राइमरी स्कूल बाल बिहार में शिक्षक तो पदस्थ हैं, पर पढ़ने के लिए बच्चे नहीं हैं। आगर-मालवा, अशोकनगर, बालाघाट, बैतूल, भिंड, भोपाल, छिंदवाड़ा, दमोह, दतिया, देवास, गुना, ग्वालियर, हरदा, जबलपुर, कटनी, खरगोन, मंदसौर, मुरैना, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, नीमच, पन्ना, रायसेन, राजगढ़, रतलाम, रीवा, सागर, सीहोर, सिवनी, शहडोल, शाजापुर, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, उज्जैन, उमरिया और विदिशा आदि जिलों के 355 स्कूलों में शिक्षक पदस्थ हैं, पर पढ़ने वाले बच्चे नहीं हैं।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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