ग्वालियर। मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग संगीत सम्राट तानसेन के शताब्दी समारोह के प्रचार-प्रसार पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। शनिवार को आयोजित सभाओं में 10 से 12 श्रोता ही पहुंचे।
जबकि इनका संचालन संगीत रसिकों को मुख्य समारोह में आमंत्रित करने के लिए किया गया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अंतिम वक्त पर कलाकारों के नाम घटाने-बढ़ाने और स्थान परिवर्तन से संगीत रसिक भ्रमित हुए। जिस कारण संगीत समारोह में लोग नहीं पहुंच सके।
गंगादास की शाला में हर माह रागायन में करीब 100 से अधिक श्रोता पहुंचते हैं। जबकि तानसेन समारोह की सभा में अब्दुल सलाम ने क्लेरोनेट बजाया, रसिक सिर्फ 10 ही थे।
कला वीथिका में तानसेन समारोह से पूर्व अवधेश व अनुमोल द्विवेदी ने पखावज वादन किया। इसमें 10श्रोता थे, जिनमें 3 संस्कृति विभाग के कर्मचारी थे।
जानकारी के अनुसार मुख्य समारोह की 10 सभाओं में 153 भारतीय कलाकारों को बुलाए जा रहे हैं। हर सभा गायन-वादन से भरपूर होगी। एक सभा की अवधि 4 घंटे रहेंगी। इसकी हकीकत ये है कि प्रदेश छोड़ो देश के तमाम अखबार और मीडिया में करोड़ों के ऐड हैं, मंचों पर आमंत्रित कलाकार भी, पर श्रोता नदारद। ग्वालियर शहर में कोई भी होर्डिंग या अन्य स्तर की ब्रांडिंग नहीं दिखी। जिन कलाकारों को बुलाने की बात कही जा रही थी, उनमें से तमाम को बुलाया ही नहीं गया। आज इस समारोह का सीएम विधिवत शुभारंभ कर रहे हैं, तब भीड़ दिखाई दे रही थी। लोगों का कहना है कि बाकी दिन खाली ही रहेगा।