भोपाल। मध्यप्रदेश के नये मुख्य सचिव अनुराग जैन की आमजन की समस्याओं को हल करने में बेहद रुचि रही है। जब वे भोपाल कलेक्टर थे तब हर गुरुवार को ग्रामीण क्षेत्रों में दौरे पर जाते थे। कभी गंगाजल हाथ में रखवाकर तो कभी मंदिर और मजार पर लोगों को बुलाकर विवादों को सुलझाते थे। सही जानकारी सामने लाने के लिए वे कई तरह के नवाचार करते थे। मुख्य सचिव अनुराग जैन मंत्रालय में सप्ताह में किसी एक दिन जनसुनवाई भी शुरु कर सकते है।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव अंटोनी डिसा के कार्यकाल में आजमन की समस्याओं को हल करने के लिए जनसुनवाई की जाती थी। वे मंत्रालय के गेट पर बने कक्ष में लोगों से एक-एक कर मिलते थे। बीस लोगों से एक बार में वे मुलाकात करते थे। इसके लिए पहले से ही लोग आवेदन दे देते थे और उसमें से मिलने वालों का चयन किया जाता था। डिसा मौके से ही समस्या से जुड़ें अफसरों को फोन लगवाते थे और तत्काल उस समस्या का समाधान हो जाता था। इस सुनवाई के जरिए मुख्य सचिव का सीधा जुड़ाव प्रदेशभर की जनता से होता था। ब्यूरोक्रेसी में भी यह डर बना रहता था कि कहीं गड़बड़ की तो जनता मुख्य सचिव के पास नहीं पहुंच जाए। अंटोनी डिसा के जाने के बाद यह परंपरा बंद हो गई थी। अन्य मुख्य सचिवों ने इसका पालन नहीं किया अब अनुराग जैन फिर इसे शुरु कर सकते है।