MP: भोपाल की 110 एकड़ जमीन में सहारा और विधायक संजय पाठक की कंपनियों की साजिश

सहारा की जमीन ऊंची दाम पर बेच सकें, रजिस्ट्री में कोर्ट के आदेश का जिक्र नहीं

भोपाल। प्रदेश में सहारा समूह की 310 एकड़ बेशकीमती जमीनों को कम दाम में बेचने और निवेशकों को राशि न लौटाने के मामले में रोज नई परतें खुल रही हैं। खरीद-बिक्री में सहारा और भाजपा विधायक संजय पाठक की पारिवारिक कंपनियों ने बड़ी गड़बड़ी की।

सहारा को जमीनों की नीलामी करनी थी। ज्यादा बोली लगाने को जमीनें बेची जातीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भोपाल, जबलपुर और कटनी की जिन जमीनों के सौदे विधायक की मां निर्मला पाठक और बेटे यश पाठक की शेयर होल्डिंग कंपनियों ने किए, उसने भोपाल की 110 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का जिक्र नहीं किया। दस्तावेज बताते हैं, विक्रेता-क्रेता दोनों को पता था कि सेबी-सहारा के रिफंड खाते में राशि जमा करनी है।

2022 की रजिस्ट्री में छिपाई जानकारी
शि कायतकर्ता आशुतोष का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देकर जमीन बेची। लेकिन आदेश का पालन नहीं किया। सहारा और खरीदार कंपनियों ने साजिश की। अलग से बनाए मेमोरेंडम में लिखा, सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का क्रेता-विक्रेता को पता है। रजिस्ट्री में कोर्ट का आदेश नहीं लिखा, क्योंकि दोबारा जमीन बेचने पर खरीदार को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश की जानकारी मिलती और ऊंची दाम में सौदा करने में दिक्कत हो सकती थी।

ईओडब्ल्यू में शिकायत करने वाले आशुतोष मनु दीक्षित का आरोप है जमीनों को दोबारा बेचने में दिक्कत न हो, इसलिए कोर्ट के निर्देशों का जिक्र रजिस्ट्री में नहीं किया, अलग मेमोरेंडम बनाया। हालांकि कटनी की 110 एकड़ जमीन की रजिस्ट्री में कोर्ट के आदेश का जिक्र है।

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