भोपाल। मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा सभी विभाग प्रमुखों को भेजे गए पत्र से विभागों में हडक़ंप मच गया है। दरअसल, मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मुख्य सचिव कार्यालय जनरल मॉनिट प्रकरणों के निराकरण के संबंध में सभी विभागों को एकजाई निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा है कि संबंधित विभाग प्रकरणों का निराकरण करके पोर्टल पर अपलोड कराएं। ऐसे लंबित प्रकरणों की संख्या करीब 80 हजार है। जनता से जुड़े विभागों की समस्याएं सबसे जयादा हैं।
मुख्य सचिव सामान्य मॉनिट में लंबित प्रकरणों की मॉनीटरिंग की अभी तक कोई ठोस निगरानी नहीं हो रही थी। मुख्य सचिव अनुराग जैन से इस पर जोर देना शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि जनरल मॉनिट में जो प्रकरण लंबित हैं, वे करीब एक से 5 साल से लंबित है। पूर्व में इनके निराकरण को लेकर गंभीरता नहीं बरती गई। यही वजह है कि मुख्य सचिव मॉनिट में ही लंबित प्रकरणों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। 12 नवंबर की स्थिति में सीएस मॉनिट में सबसे ज्यादा 14 हजार लंबित प्रकरणों की संख्या गृह विभाग की है। जबकि सबसे कम संख्या आनंद विभाग की 101 और लोक परिसंपत्ति विभाग में 78 प्रकरण हैं।
एमपी के बड़े विभागों में इतने है पेंडिग मामले:
मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी विभागों के लंबित प्रकरणों की सूची बनवाई है। जिसमें 58 विभागों के 78126 मामले लंबित हैं। गृह विभाग 14 हजार, ऊर्जा, 1001, कृषि 1781, वित्त 2210, खाद्य 1406, बन 2320, सामान्य प्रशासन विभाग (पर्सनल) 2661, सामान्य प्रशास 5551, उच्च शिक्षा 1156, उद्योग 2625, विधि एवं विधायी 1246, खनिज 1413, पंचायत 2266, योजना एवं सांख्यिकी 1293, स्वास्थ्य 3597, लोक निर्माण 1274, राजस्व 3750, स्कूल शिक्षा 1697, विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी 1422, अजजा कल्याण 1184, नगरीय प्रशासन 3692, जल संसाधन 1254, महिला एवं बाल विकास 1579 प्रकरण लंबित हैं। इसके अलावा अन्य विभागों के प्रकरण एक हजार से कम हैं।