MP: भोपाल के डिप्टी कलेक्टर की बढ़ी मुश्किलें, महिला के आरोपों की जांच होगी
भोपाल। राजगढ़ की एक महिला ने भोपाल कलेक्टोरेट में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर राजेश सोरते पर लगाया है। महिला ने शुक्रवार को राजगढ़ एसपी आदित्य मिश्रा से शिकायत की थी। शिकायत करने वाली महिला विभागीय कर्मचारी है। एसपी ने सारंगपुर SDOP अरविंद सिंह को जांच सौंपी है। सबूत के तौर पर महिला ने एसपी को वीडियो और फोटोज भी दिए हैं। कुछ में दोनों आपत्तिजनक हालत में दिख रहे हैं।
पुलिस का कहना है कि जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इधर, अफसर का कहना है कि महिला आपराधिक बैकग्राउंड से है। मुझे जानकारी नहीं है, कि वह क्या आरोप लगा रही है।
तहसीलदार अपने चैंबर में बार-बार बुलाते थे
पीड़ित महिला ने बताया कि 24 साल पहले शादी हुई थी। एक बेटा भी है। साल 2014 में पति की मौत के छह साल बाद अनुकंपा नियुक्ति मिली। 2022 में राजेश सोरते ने बतौर तहसीलदार जाॅइन किया। कुछ दिन तो ठीक-ठाक चला। बाद में तहसीलदार अपने चैंबर में मुझे बार-बार बुलाते थे। वह बुलाने का बहाना ढूंढते थे।
एक रात में मुझे कॉल किया। मैं घबरा गई। सोचा कि ऐसी क्या गलती हो गई, जो इतने समय साहब का कॉल आया है। फिर उन्होंने हालचाल पूछा। सामान्य बातचीत के बाद कॉल कट कर दिया। कुछ दिन बाद तहसीलदार काम करने सरकारी बंगले पर बुला लेते। यहां साफ-सफाई, खाना पकाने का काम करती थी।
प्रेम जाल में फंसाया, फिर डेढ़ साल तक रेप
एक दिन वह रसोई में आ गए। मुझे हाथ लगाने लगे। मैं घबराकर रोने लगी। कहा कि यह गलत है। उन्होंने कहा- मेरा भी दुनिया में कोई नहीं है। मैं तुम्हारा बुरा नहीं चाहूंगा। तलाकशुदा हूं। बीवी-बच्चे नहीं हैं। परेशान हूं। मुझे तुम्हारी मदद चाहिए। मैं भी तुम्हारी मदद करूंगा। बिना जवाब दिए मैं चली गई।
दो–चार दिन तक टालती रही। फिर बोलने लगे कि तुम्हारी अनुकंपा नियुक्ति है। काम ज्यादा दे देंगे। छुटि्टयां नहीं मिलेंगी। नौकरी से निकलवा दूंगा। जैसा मैं कहता हूं, वैसा करो। मेरे सामने दूसरी महिलाकर्मियों को बुरी तरह डांटा। यह देखकर मैं डर गई। सोचा, काम से निकाल दिया, तो क्या करूंगी। दबाव में फिर काम करने लगी। बोलचाल बढ़ने लगी। घर से परेशान थी। अकेली भी थी, तो बातों में आ गई।’
राजस्थान में मांग भरी, कहा-हम पति–पत्नी हो गए
‘साल 2023 की शुरुआत में दोनों राजस्थान के कामखेड़ा गए। यहां राजेश सोरते ने मेरी मांग में सिंदूर भर दिया। कहा- आज से हम दोनों पति-पत्नी हो गए। कहा कि मेरा तलाक का केस चल रहा है। केस खत्म होने के बाद हम कोर्ट मैरिज कर लेंगे। इसके बाद रोजाना का मिलना हो गया। रात 12 बजे वह घर पर आते। सुबह चले जाते थे। कभी मैं उनके बंगले पर जाती थी। उनके सारे काम करती थी।
घर में पत्नी की तरह रखा था। लोग भी बातें बनाने लगे। इसके बाद रोक-टोक शुरू कर दी। ड्यूटी के दौरान साड़ी नहीं पहनने देते थे। पहनावा भी बदल दिया था। एक बार सुनहरे बाल कर लिए, मेंहदी लगवा दी। इतने में जीरापुर ट्रांसफर हो गया, लेकिन पचोर नहीं छोड़ा। यहां कमरा किराए से ले लिया था। इसी कमरे में दोनों रुकते थे। वह अपडाउन करते थे।‘