MP : मंत्रालय से लेकर मैदान तक एक और फेरबदल होगा, मंत्रालय के कुछ अफसरों को मिलेगी नई जिम्मेदारी, कई कलेक्टर बदलेंगे

भोपाल। नए मुख्य सचिव अनुराग जैन के पदभार ग्रहण के बाद पहली बार सोमवार को आईएएस अफसरों का तबादला हुआ। इस सूची में कई विभागों में अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया। जबकि इन पदों के लिए पूर्णकालिक अफसरों की आवश्यकता है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द मंत्रालय से लेकर मैदान तक के अफसरों का एक फेरबदल और होगा। विभागीय अधिकारियों के अलावा आधा दर्जन से अधिक जिलों के कलेक्टरों को बदला सकता है।
जानकारी के अनुसार अब तक सीएम सचिवालय में अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव स्तर के 2 अफसरों की पोस्टिंग के चलते सीएम सचिवालय ही अब तक सारे फैसले कर रहा था। सोमवार को हुए पदस्थापना आदेश में अब सीएस आफिस और सीएमओ के बीच संतुलन बनाने के संकेत भी मिले हैं। इसीलिए दो प्रमुख सचिव सीएम सचिवालय से वापस विभागों को भेजे गए हैं।
प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव को खनिज साधन विभाग का प्रमुख सचिव बनाने के साथ प्रबंध संचालक एमपी खनिज निगम और संचालक खनिकर्म भौतिकी का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह पद सचिव और अपर सचिव स्तर के अधिकारियों को सौंपा जाएगा।
राजस्व मंडल ग्वालियर के सदस्य पद से सचिव स्तर के अधिकारी नागर गोजे मदन विभीषण की भोपाल वापसी हुई है, इनके स्थान पर एक अधिकारी की जल्द राजस्व मंडल में पोस्टिंग की जाएगी। मनोज पुष्प संचालक पंचायत राज और सीईओ एमपी ग्रामीण आजीविका मिशन को आयुक्त सहकारी संस्थाएं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पंचायत राज संचालक और सीईओ एमपी ग्रामीण आजीविका मिशन के पद पर नए अधिकारी की पोस्टिंग की जाएगी। वहीं आयुक्त सहकारिता की जिम्मेदारी निभा रहे मनोज सरियाम की पोस्टिंग भी सरकार ने अब तक नहीं की है। उन्हें नई जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। गिरीश शर्मा को अपर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग से परियोजना संचालक स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट बनाया गया है। जीएडी में अपर सचिव की पोस्टिंग उनके स्थान पर की जाना बाकी है।
बदल सकते हैं कुछ जिलों के कलेक्टर
राज्य सरकार आने वाले दिनों में कुछ जिलों के कलेक्टरों को भी बदल सकती है। सतना कलेक्टर अनुराग वर्मा का तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इसलिए वर्मा को नए जिले में जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। भिंड कलेक्टर के खिलाफ भी माहौल बना है, वहां बीजेपी विधायक के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। जिला प्रभारी प्रहलाद पटेल से लेकर सीएम तक को शिकायत की जा चुकी है।  इसके अलावा नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना को भी नए जिले में या विभागाध्यक्ष कार्यालय में पदस्थ किया जा सकता है। इसकी वजह दो माह हाईकोर्ट द्वारा कलेक्टर पर की गई टिप्पणी और कलेक्टर का स्थानीय स्तर पर विरोध बताया जा रहा है।

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