MP: जिन नेताओं के कारण कांग्रेस की दुर्दशा, उनके इशारे पर बना दी सूची, कांग्रेस की नई कार्यकारिणी पर अजय सिंह की प्रतिक्रिया

भोपाल। कांग्रेस की हाल ही में घोषित कार्यकारिणी पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक अजय सिंह ‘राहुल भैया’ की टिप्पणी आई है। सोमवार को भोपाल में मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जिन नेताओं के कारण कांग्रेस की दुर्दशा हुई है, उन्हीं लोगों के इशारों पर अगर कार्यकारिणी बनेगी, तो कांग्रेस पार्टी का भगवान ही मालिक है। यह कांग्रेस पार्टी का दुर्भाग्य है।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए अजय सिंह ने कहा कि आने वाले समय में उन नामों का खुलासा करूंगा,जिसने कांग्रेस को बर्बाद किया। बीस साल से यही चल रहा है, अभी भी उन्ही लोगों के कहने पर फैसले हो रहे हैं। वे इस संबंध में आलाकमान से भी चर्चा करने वाले हैं। अजय सिंह ने कहा कि हमारे अंचल (विंध्य) के साथ भी अच्छा नहीं हुआ। रीवा, सीधी, सिंगरौली, अनूपपुर, उमरिया, कटनी आठ-नौ जिलों में उदाहरण के लिए दो-तीन नाम मिल जाएं, तो बड़ी बात है। क्या इसी से कांग्रेस मजबूती होगी?

पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सवाल यह है कि जो संगठन को समय दे सके, जैसे- कोई विधायक है तो वह खुद की विधानसभा देखेगा या संगठन का काम करेगा।

कमेटी निरस्त हो तो बचेगी कांग्रेस

इधर, रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हाकिम सिंह रघुवंशी कहा है कि पीसीसी टीम बनने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा है। बहुत पक्षपात हुआ है। ऐसे लोगों को पदाधिकारी बना दिया गया है, जो फील्ड में काम नहीं करते। पार्टी को बचाने के लिए यह कमेटी निरस्त होना चाहिए। जिनकी उपेक्षा हुई, जो संघर्ष के समय के साथी हैं, उनको पार्टी में लिया जाना चाहिए।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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