भोपाल । राजधानी में इसी हफ्ते लोकार्पित किए गए फ्लाई ओवर के निर्माण में खामियों को देखते हुए लोक निर्माण विभाग, सेतु संभाग के उपयंत्री उमाकांत मिश्रा और प्रभारी सहायक यंत्री रवि शुक्ला को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। ये दोनों अधिकारी परियोजना के प्रभारी थे और इनकी तकनीकी निरीक्षण में लापरवाही सामने आई है। इसके अलावा लोक निर्माण विभाग सेतु संभाग भोपाल के कार्यपालन यंत्री जावेद शकील और सीई ब्रिज को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी नीरज मंडलोई ने निर्माणकर्ता कंपनी और अनुबंध कर्ता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने निर्माण कंपनी पर अनुबंधानुसार अर्थदंड लगाने तथा सभी सुधारात्मक कार्य अपने व्यय पर कराने का आदेश दिया है। लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने शनिवार को गणेश मंदिर से गायत्री मंदिर तक नव निर्मित डॉ. भीमराव अंबेडकर फ्लाय ओवर का निरीक्षण किया।
इस दौरान उनके साथ विभाग के प्रमुख अभियंता, सेतु मंडल के वरिष्ठ अधिकारी तथा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) भोपाल के क्षेत्रीय अधिकारी (मुख्य अभियंता) श्रवण कुमार सिंह भी उपस्थित रहे। इस परियोजना का 23 जनवरी को मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया था निरीक्षण के दौरान यातायात सुविधा, सुरक्षा साधनों तथा नवनिर्मित एलिवेटेड ब्रिज का गहन निरीक्षण किया गया।
फ्लाई ओवर की पटरी ठीक नहीं बनी
एसीएस मंडलोई ने पिछले माह लोकार्पित हुए नए फ्लाईओवर की गुणवत्ता को लेकर उठाए गए सवालों को देखते हुए निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि एलिवेटेड कॉरिडोर के दोनों ओर क्रैश बैरियर और मुख्य केरिज-वे के बीच की लगभग 18 इंच चौड़ी पटरी की क्वालिटी अपेक्षित स्तर की नहीं है। इस पटरी को मुख्य स्लैब से जोड़ने के कार्य में कमी देखी गई जिसके कारण कई स्थानों पर मुख्य स्लैब और पटरी के जोड़ों में क्षरण के चिन्ह दिखाई दिए।
राइडिंग सरफेस की क्वालिटी में भी गड़बड़ी
इंजीनियरों ने निरीक्षण के दौरान बताया कि करीब 3 किलोमीटर लंबे 4 लेन के इस एलिवेटेड कॉरिडोर की डिजाइन, सुरक्षा और स्ट्रक्चरल गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है,लेकिन राइडिंग सरफेस की क्वालिटी और फिनिशिंग संतोषजनक नहीं पाई गई। विशेष रूप से दो स्थानों पर जहां एक्सपेंशन जॉइंट लगाए गए हैं। वहां अधिक क्षरण पाया गया। निरीक्षण दल को बताया गया कि मुख्य केरिज-वे का निर्माण पेवर मशीन से किया गया था लेकिन किनारे की 18 इंच की पटरी को मैन्युअल रूप से भरा गया था क्योंकि वहां मशीन चलाना संभव नहीं था।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के क्षेत्रीय अधिकारी श्रवण कुमार सिंह द्वारा निरीक्षण के दौरान तकनीकी सुझाव दिए गए। उनके अनुसार ब्रिज में मौजूद डिजाइन गैप्स में सीलेंटt लगाने तथा राइडिंग सरफेस को उच्च गुणवत्ता का बनाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
लोक निर्माण विभाग के मंत्री राकेश सिंह ने इस पूरी कार्रवाई की समीक्षा की और कहा कि भविष्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।