श्योपुर। प्रदेश के एक सरकारी अधिकारी का वीडियो वायरल हो रहा है। उसमें वो रिश्वत की रकम मांगते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो श्योपुर जिले के एसडीओ का बताया जा रहा है, जिसमें वो रेत माफियाओं से वसूली की रकम से जुड़ी बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं। अधिकारी वीडियो में कहते हैं कि सभी घाट से सात लाख रुपए लाओ। सबको देने के बाद तब मेरे पास डेढ़ लाख रुपए बचेगा, जिसको जो मिलना है मिल जाएगा। आगे वो कहते हुए सुनाई पड़ते हैं कि सिस्टम से चलना पडेगा, नहीं तो ना मैं बचूंगा ना तुमको बचा पाउंगा।
ये वीडियो श्योपुर जिले में राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल विभाग के एसडीओ योगेंद्र का बताया जा रहा है। इसमें वो रेत माफियाओं से वसूली की बात कर रहे हैं। वीडियों में एसडीओ कहता है कि पूरे घाट मिलाकर सात लाख रुपए होना चाहिए। तब मेरे पास डेढ़ लाख रुपए बचेगा। जिसको जो मिलना है, मिल जाएगा। फिर मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा, क्योंकि सिस्टम से ऊपर तक जाता है।
वीडियो में SDO सबको पैसा देने की बात करते हुए नजर आता है। वह कहता है कि पैसा DFO और CCF तक सभी के पास जाता है। यानी रेत से आने वाली वसूली की कमाई सबके बीच में बटती है। न्यूज चैनल एनडीटीवी के अनुसार मामला सामने आने के बाद एसडीओ से बातचीत करने की कोशिश की गई, लेकिन वो इस विषय पर बात करने के लिए तैयार नहीं हुए।
घड़ियालों को सुरक्षित रखने के लिए कुछ इलाकों को घड़ियाल वन्यजीव अभ्यारण्य घोषित किया गया है। इसमें राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल वन्यजीव अभयारण्य भी शामिल है। यह उत्तर भारत के 5400 वर्ग किलोमीटर दायरे में पसरा हुआ है। इस संरक्षित क्षेत्र में कई लुप्तप्राय जीव पाए जाते हैं। इनमें लुप्तप्राय घड़ियाल (छोटे मगरमच्छ), लाल मुकुट वाले छत वाले कछुए और लुप्तप्राय गंगा नदी डॉल्फिन शामिल हैं। इनकी सुरक्षा और संरक्षण को लेकर सरकार काफी सक्रिय है। मगर इस तरह से होता अवैध रेत खनन समस्या का सबब बना हुआ है।