MP: सडक़ों के गड्ढों की 2,744 शिकायतें, रोज 42 सात दिन में सुधारने का दावा हुआ फेल

भोपाल। मध्यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग की सडक़ों के गड्ढे दुरुस्त करने को लेकर राज्य सरकार के पास 2744 शिकायतें पहुंची हैं। इन ऑनलाइन कम्प्लेन के निराकरण के लिए विभाग से कराई जा रही मॉनिटरिंग के बाद 66 शिकायतें ऐसी हैं, जिन पर कार्रवाई किया जाना बाकी है।
सडक़ पर गड्ढों की कम्प्लेन के लिए अब तक सवा लाख से अधिक मोबाइल यूजर्स ने लोकपथ एप डाउनलोड किया है। इस एप पर कम्प्लेन के बाद 7 दिन की टाइम लिमिट में गड्ढे नहीं भरी जाने वाली सडक़ों में एक सडक़ सीएम यादव के गृह जिले उज्जैन की भी है।
लोकपथ एप साफ्टवेयर एमपी स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से बनाया है। चूंकि इसे सरकारी एजेंसी ने बनाया है। इसलिए इसके निर्माण पर अलग से राशि खर्च नहीं हुई है। एप पर आने वाली शिकायतों की निगरानी के लिए राज्य स्तर, मुख्य अभियंता स्तर, अधीक्षण यंत्री स्तर और कार्य पालन यंत्री स्तर पर अमले की तैनाती की गई है।
एप अगर काम नहीं कर रहा है तो इसके सुधार की जिम्मेदारी साफ्टवेयर बनाने वाली एमपीएसईडीसी की है।
विभाग के प्रमुख अभियंता मेहरा ने क्या कहा
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता आरके मेहरा के अनुसार विभाग की जियो टैग से जुड़ी सडक़ों को इस एप पर अपलोड किया गया है। इसमें खराब सडक़ के फोटो अपलोड किए जाने पर उसके सुधार और सुधरी सडक़ की फोटो अपलोड करने की जिम्मेदारी संबंधित क्षेत्र के उपयंत्री की होगी। मेहरा ने कहा कि इस एप में पीडब्ल्यूडी की एनएच और स्टेट हाईवे की सडक़ें, जिला मार्ग, एमपी आरडीसी और एमपीआरआरडीए की सडक़ों को शामिल किया गया है।
4 कम्प्लेन को 7 दिन बीते, नहीं काम हुआ तो नोटिस
लोक निर्माण विभाग के अफसरों के अनुसार चार सडक़ों के गड्ढे सात दिन की अवधि पूरी होने के बाद भी नहीं भरे जा सके हैं। इस पर संबंधित जिलों के कार्यपालन यंत्रियों को सूचना देकर इसे समय सीमा में दुरुस्त करने के लिए कहा है। अब एक दो दिनों में इस पर काम नहीं हुआ तो नोटिस देने की कार्रवाई की जाएगी।

Sanjay Saxena

BSc. बायोलॉजी और समाजशास्त्र से एमए, 1985 से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के दैनिक अखबारों में रिपोर्टर और संपादक के रूप में कार्य कर रहे हैं। आरटीआई, पर्यावरण, आर्थिक सामाजिक, स्वास्थ्य, योग, जैसे विषयों पर लेखन। राजनीतिक समाचार और राजनीतिक विश्लेषण , समीक्षा, चुनाव विश्लेषण, पॉलिटिकल कंसल्टेंसी में विशेषज्ञता। समाज सेवा में रुचि। लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को समाचार के रूप प्रस्तुत करना। वर्तमान में डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े। राजनीतिक सूचनाओं में रुचि और संदर्भ रखने के सतत प्रयास।

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