Madhya Pradesh का विजन डॉक्यूमेंट बना, लेकिन नीति आयोग उपाध्यक्ष विहीन, गतिविधियों पर ब्रेक..!

भोपाल। विकसित मध्य प्रदेश 2047 का विजन डाक्यूमेंट के बनकर तैयार होने का तो दावा किया जा रहा है, लेकिन अब राज्य नीति आयोग की गतिविधियों पर ही ब्रेक लग गया है। आयोग में उपाध्यक्ष का पद खाली है, जो आयोग का प्रमुख कार्यकारी होता है।

जानकारी के अनुसार नीति आयोग उपाध्यक्ष पद पर पदस्थ सचिन चतुर्वेदी के जाने के बाद से अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं की गई है। सचिन फिलहाल विकासशील देशों के लिए स्थापित अनुसंधान और सूचना प्रणाली (आरआईएस) के डीजी हैं, जो नई दिल्ली स्थित एक स्वायत्त नीति अनुसंधान संस्थान है। ये अंतरराष्ट्रीय आर्थिक विकास, व्यापार, निवेश और प्रौद्योगिकी से संबंधित मुद्दों में विशेषज्ञता रखता है।

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वर्तमान में मध्य प्रदेश नीति आयोग का प्रभार प्रमुख सचिव संजय शुक्ला के पास है। लेकिन संजय शुक्ला सीएम सचिवालय में कुछ और विभाग भी देख रहे हैं। इसलिए उन्हें नीति आयोग के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। प्रोफेसर चतुर्वेदी के कार्यकाल में मध्य प्रदेश नीति आयोग की बेहतर  उपलब्धि रही है। नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स 2023-24 की रिपोर्ट में मध्य प्रदेश फ्रंट रनर राज्य बनकर उभरकर सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार गरीबी हटाने में (67), साफ पीने का पानी उपलब्ध कराने में (87), स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने में (90), शहरी विकास (86), शांति-न्याय के संस्थानों की स्थापना में (73) शानदार प्रदर्शन किया है. इसके अलावा सूचकांक के अनुसार मध्य प्रदेश ने 1.36 करोड़ व्यक्तियों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला है।

साथ ही साथ बता दें कि प्रदेश में 97.87% लाभार्थियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कवरेज मिल रहा है. प्रदेश में जन्म के समय लिंगानुपात 950 के लक्ष्य के विरुद्ध 956 है, प्रदेश के शत प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच गई है. इसके अलावा प्रधानमंत्री जन धन योजना में महिला खाताधारकों का प्रतिशत 50% लक्ष्य के विरुद्ध 55.57% है, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों से जुड़ी लक्षित बस्तियों का प्रतिशत 99.98% है.  इस रिपोर्ट में उत्तराखंड और केरल 79 अंकों के साथ संयुक्त रूप से शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य बने हैं, इनके बाद तमिलनाडु (78) और गोवा (77) का नंबर है. जबकि बिहार (57), झारखंड (62) और नागालैंड (63) इस साल के सूचकांक में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्य रहे हैं।

लेकिन अब जब प्रदेश का विजन डॉक्यूमेंट तैयार है उसे।अंतिम रूप देने के लिए उतना योग्य अकादमिक व्यक्ति आयोग में नहीं है। आयोग के अधिकारी भी उपाध्यक्ष का इंतजार कर रहे हैं।

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