Madhya Pradesh: धार्मिक शहरों में शराबबंदी पर विचार: मोहन यादव

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार नीति में सुधार कर, धार्मिक नगरों से शराबबंदी लागू करने पर विचार कर रही है। इस संबंध में साधु-संतों द्वारा दिए गए सुझावों पर राज्य सरकार गंभीर है। धार्मिक नगरों का वातावरण प्रभावित होने संबंधी शिकायतें प्राप्त होती रहती हैं। हमारा प्रयास है कि इन नगरों की पवित्रता अक्षुण्ण रहे। वित्तीय वर्ष पूर्णता की ओर है, अत: राज्य सरकार जल्द ही निर्णय लेकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि साधु-संत मध्य प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराबबंदी की लगातार मांग उठा रहे हैं। प्रदेश सरकार इस पर विचार कर रही है। इसके लिए सरकार को अपनी शराब नीति में संशोधन करना होगा। सीएम का कहना है कि बजट सत्र अब करीब है, ऐसे में इस सत्र के दौरान इस पर कोई बड़ा फैसला आ सकता है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने यह भी साफ किया कि साधु-संतों द्वारा प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराबबंदी की मांग को लेकर सरकार बहुत गंभीर है। सरकार इस पर विचार कर रही है और जल्द ही इसको लेकर निर्णय सामने आएगा।
सिंहस्थ 2028 में क्षिप्रा नदी के जल से ही होगा स्नान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रसन्नता का विषय है कि सिंहस्थ 2028 में सम्मानीय साधु-संत पवित्र क्षिप्रा जी के जल से ही स्नान करेंगे। हमारा सौभाग्य है कि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल 614 करोड़ 53 लाख रूपए की लागत से निर्मित होने वाली सेवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना का भूमिपूजन करने उज्जैन पधार रहे हैं। संतोष का विषय है कि राज्य सरकार पुण्य सलिला क्षिप्रा जी के जल से सिंहस्थ में स्नान की व्यवस्था की दिशा में ठोस कदम उठा पाई। परियोजना के क्रियान्वयन से क्षिप्रा नदी निर्मल और निरंतर प्रवाहमान होगी इससे सभी त्योहार-पर्वों पर हमारा यह प्रमुख तीर्थ वर्षभर जीवंत रहेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि क्षिप्रा नदी में जल की मात्रा सीमित रहती है, साथ ही बरसाती नदी होने के कारण जल का भंडारण भी कठिन होता है। परिणामस्वरूप वर्ष 1980, 1992 और 2004 में हुए सिंहस्थ में गंभीर नदी के जल से स्नान की व्यवस्था की गई और वर्ष 2016 में नर्मदा जी के जल से स्नान कराया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निवास से मीडिया को जारी संदेश में यह जानकारी दी। 

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