IPWE 2025: सीएस अनुराग जैन बोले- कम्युनिटी पार्टिसिपेशन बिना पूरे नहीं हो सकते प्रोजेक्ट:सिंचाई के बेहतर तरीके खोजें इंजीनियर

भोपाल। प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा है कि प्रकृति का नियम है कि पानी ऊपर से नीचे आता है, इंजीनियर इस नियम से सिंचाई के तरीके खोजें। उन्होंने कहा कि कम्युनिटी की सहभागिता के बिना किसी प्रोजेक्ट को पूरा नहीं किया जा सकता, ऐसे में जो प्रोजेक्ट आप तैयार कर रहे हैं, उसमें लोगों की सहभागिता जरूर शामिल करें ताकि उसके दूरगामी परिणाम हमारे सामने आ सकें।

मुख्य सचिव जैन ने भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में जल और पर्यावरण पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन (IPWE 2025) में यह बात कही। सम्मेलन का आयोजन अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स के पर्यावरण और जल संसाधन संस्थान और मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग एवं अंत्योदय प्रबोधन संस्थान के सहयोग से किया गया।

सम्मेलन का मुख्य विषय जलवायु परिवर्तन के अनुकूल सतत और मजबूत जल बुनियादी ढांचे का निर्माण था। इसमें अलग-अलग देशों से प्रतिष्ठित विशेषज्ञ, पर्यावरणविद, निर्माता और शोधकर्ताओं ने भाग लिया। संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, भारत सहित अन्य देशों के विशेषज्ञ सम्मेलन में शामिल हुए। जल संबंधी समस्याओं के समाधान पर महत्वपूर्ण विचार-विमर्श में 30 से अधिक देशों के प्रतिभागियों द्वारा लगभग 125 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

मुख्य सचिव जैन ने मंदसौर कलेक्टर रहने के दौरान अपने कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 1999 में एक स्टॉप डेम हमें बनाना था जिसकी लागत 15 लाख रुपए थी, लेकिन पंचायत के पास महज ढाई लाख रुपए थे। ऐसे में जन सहयोग से हमने छह महीने में पूरा होने वाला काम महज 30 दिन में पूरा कर लिया।

प्रेशराइज्ड सिंचाई सिस्टम से पानी का दुरुपयोग कम हुआ-जॉन

जल संसाधन विभाग के सचिव जॉन किंग्सली ए आर ने कहा कि प्रदेश में दाब युक्त सिंचाई प्रणाली के जरिए जल के अधिकतम उपयोग से जल के अपव्यय को कम किया है। इससे शेष जल का उपयोग सिंचित क्षेत्र के विस्तार, ग्रामीण एवं शहरी पेयजल आपूर्ति तथा अन्य क्षेत्रों में किया जाना संभव हो सकेगा। मोहनपुरा कुंडलियां की प्रेशराइज्ड पाइप प्रणाली की सफलता के बाद पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना और केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के माध्यम से जल की अधिकता वाले क्षेत्रों से अतिरिक्त जल को सूखा प्रभावित क्षेत्रों में भेजने तथा भंडारण करने से कृषि और घरेलू उपयोग के लिए जल उपलब्ध होगा।

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